



तहलका न्यूज,बीकानेर। रिश्तों को शर्मसार करने वाला और न्याय व्यवस्था की सुस्त रफ्तार पर सवाल खड़ा करने वाला मामला सामने आया है। छतरगढ़ निवासी सुनील कुमार लेघा ने अपनी ही बहिन,बहनोई,भांजे और जवाई पर 2691 वर्गफुट का भूखण्ड हड़पने का गंभीर आरोप लगाया है। मामला अब अदालत तक पहुंच चुका है,मगर पुलिस की कथित लापरवाही और आरोपियों के राजनीतिक रसूख के चलते पीडि़त पिछले डेढ़ साल से दर-दर की ठोकरें खा रहा है।
अदालत में दर्ज हुआ इस्तगासा
परिवादी सुनील कुमार ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं विशिष्ट न्यायालय (पीसीपीएनडीटी एक्ट प्रकरण) में धारा 420, 417,467,468, 474 व 120 बी भादस के तहत इस्तगासा पेश किया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुसंधान उप निरीक्षक रणवीरसिंह को जांच सौंपी।
मानसिक रूप से अस्वस्थ पत्नी से दवा के नशे में करवाए दस्तखत
सुनील कुमार का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2007 में छतरगढ़ की कृषि भूमि बेचकर बीकानेर की मदन विहार कॉलोनी में भूखण्ड संख्या III-B-104 खरीदा था। दस्तावेज़ गुम हो जाने पर उन्होंने अपनी पत्नी सुमन गोदारा के नाम गिफ्ट डीड करवा दी।आरोप है कि उनकी पत्नी की अनपढ़ता और मानसिक अस्वस्थता का फायदा उठाते हुए बहनोई रामकिशन कस्वां,बहिन सुशीला देवी,पुत्र पंकज मोहन कस्वां और जवाई वीरेंद्र चौधरी ने षड्यंत्रपूर्वक फर्जी दस्तावेज तैयार करवा लिए। पत्नी से दवा के नशे में दस्तखत कराए गए और गवाह भी स्वतंत्र नहीं बल्कि बेटा और जवाई ही थे।परिवादी का कहना है अगर असल में गिफ्ट डीड ही सही थी तो मुकदमे की नौबत क्यों आती? असली रजिस्ट्री आज भी मेरे पास मौजूद है।
पुलिस की कार्यवाही पर सवाल
सुनील कुमार ने 2 जुलाई 2024 को बीछवाल थाने में रिपोर्ट दी और 11 जुलाई को एसपी को अवगत कराया। लेकिन कार्रवाई के बजाय मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब पुलिस अनुसंधान में एफआर अदालत में पेश करने की तैयारी कर रही है।पीडि़त का आरोप है कि राजनीतिक रसूख और स्थानीय दबाव के चलते बीछवाल थानाधिकारी एक साल से कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।सुनील का कहना है कि हाईकोर्ट से आदेश आने के बावजूद एसएचओ के कान पर जू तक नहीं रेंगी। कई महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज कर एफआर लगाने की कोशिश हो रही है।
न्याय के लिए राष्ट्रपति तक गुहार
सुनील ने राजस्थान सम्पर्क पोर्टल,मुख्यमंत्री,प्रधानमंत्री,यहां तक कि राष्ट्रपति तक चि_ियां भेजी। मगर न्याय नहीं मिलने पर वे हताश होकर आत्महत्या का प्रयास तक कर चुके हैं। उन्होंने इच्छा मृत्यु की मांग तक दर्ज करवा दी।
आदतन अपराधी की प्रवृत्ति का आरोप
परिवादी का आरोप है कि बहनोई रामकिशन पर पहले भी पिता के फर्जी हस्ताक्षर से प्लॉट हथियाने और बिजली चोरी जैसे मामले दर्ज हो चुके हैं। समाज में भी इस मामले को लेकर चर्चा है कि रिश्तेदारों की मिलीभगत से संपत्ति हड़पने के मामले बढ़ रहे हैं और आम आदमी वर्षों तक भटकने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाता है।