तहलका न्यूज,बीकानेर। अपने शैशवकाल से ही विवादों में रहने वाले तकनीकी विश्वविद्यालय में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे है। यहां सरकारी नियमों पर कुलपति की मनमर्जी भारी रहने के अनेक मामले प्रकाश में आ चुके है। उसके बाद भी न तो बीकानेर के जनप्रतिनिधियों की इसकी कोई फ्रीक है और न ही राज्य सरकार को इसकी चिंता। जिसके चलते विश्वविद्यालय अखाड़ा बना चुका है। अब एक बार फिर कुलपति का अतिरिक्त प्रभार देख रहे अजय शर्मा के फैसले ने पूर्व के विवादों में आग में घी डालने का काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि कुलपति अजय शर्मा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के तय मापदंडों के विपरित काम करते हुए शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रहे है। जिसको लेकर तकनीकी विश्वविद्यालय व इसके संघटक कॉलेजों में आन्दोलन की चिंगारी उठने लगी है। पता चला है कि कुलपति ईसीबी व सीएटी में तीन साल से संविदा पर लगे शैक्षणिक स्टाफ को न केवल नियमितीकरण का परिलाभ देने की फिराक है। बल्कि प्रमोशन का लाभ भी देने जा रहे है। जबकि इसको लेकर कई खामियां उजागर हो चुकी है। उसके बाद भी कुलपति द्वारा ऐसे व्याख्ताओं को नियमित करना या प्रमोशन का लाभ देना कही न कही भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है। मंजर यह है कि कुलपति ऐसे व्याख्ताओं को फायदा देने में लगे है। जिनके तीन साल के संविदाकाल का पुन:प्रमाणीकरण भी नहीं हुआ है। कायदे के अनुसार तीन साल से संविदा पर लगे किसी भी कर्मचारी को पुन:उस पद पर लगाने के लिये संस्थान की ओर से रिक्त पदों का विज्ञापन निकाला जाता है। जिसमें आवेदन के बाद तय किया जाता है कि संबंधित पद पर शैक्षणिक या अशैक्षणिक आवेदक को नियमानुसार नियुक्ती दी जाती है। परन्तु कुलपति ने ऐसा कुछ किये बिना ही शैक्षणिक पदों को व्याख्ताओं को मर्ज करने का फैसला ले लिया है। जो न्याय सम्मत नहीं है।

अशैक्षणिक कर्मचारी संघ ने बजाया आन्दोलन का बिगुल
बताया जा रहा है कि कुलपति के इस मनमर्जी के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। इसको लेकर गुरूवार को ईसीबी अशैक्षणिक कर्मचारी संघ का एक शिष्टमंडल कुलपति से मिला। जिसने नौ सूत्री ज्ञापन देकर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के नियमानुसार शैक्षणिक व अशैक्षणिक कार्मिकों के नियमितिकरण व वेतन के मापदंड अपनाने की गुहार लगाई है। अध्यक्ष संतोष पुरोहित की अगुवाई में मिले इस शिष्टमंडल ने अवगत कराया कि पूर्व में विश्वविद्यालय की ओर से संघर्षों के कारण शैक्षणिक व अशैक्षणिक पदों के नियमितिकरण के संबंध में सरकार की ओर से समितियां भी बनाई गई। जिनके अनेक फैसले विवि प्रबंधन ने लागू नहीं किये। पहले उन पर विचार किया जाएं। फिर किसी अन्य भर्ती पर फैसला हो। ऐसा न होने की स्थिति में कर्मचारी संघ आरपार की लड़ाई करेगा। पुरोहित ने बताया कि शुक्रवार को भी कर्मचारियों की ओर से कुलपति का घेराव कर अपनी बात रखी जाएगी। शिष्टमंडल में महामंत्री दिनेश पारीक,सुरेन्द्र जाखड़,मार्केण्डेय रंगा,जयकिशन पुरोहित,अनिल पुरोहित आदि शामिल रहे।