




तहलका न्यूज,बीकानेर।राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन कृषि योग्य भूमि सीमित है। इसे ध्यान रखते हुए इनका समुचित उपयोग किया जाना जरूरी है। राज्यपाल बागडे सोमवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।राज्यपाल ने कहा कि कृषि और पशुपालन हमारी आजीविका का आधार रहा है। खेती और पशुपालन का विकास ही राष्ट्र के विकास की धुरी है। राज्यपाल ने कहा कि ‘हर खेत को पानी, हर हाथ को काम’ की अवधारणा को साकार करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।राज्यपाल ने कहा कि डिग्री प्राप्त करने वाले कृषि विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि कृषि विश्वविद्यालय कृषि की नई तकनीकें इजाद करें और किसानों तक इन्हें पहुंचाएं। उन्होंने स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे नवाचारों की सराहना की।कुलपति डॉ अरुण कुमार ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व कुलपति डॉ.एन.एस.राठौड़ ने विद्यार्थियों से अपनी दक्षता बढ़ाने के लिए सदैव तत्पर रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं तथा जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों को देखते हुए उच्च कृषि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा शिक्षण, अनुसंधान के लिए कृषि विश्वविद्यालयों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा कृषि संकाय, सामुदायिक विज्ञान संकाय और आईएबीएम के कुल 1480 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। जिसमें कृषि संकाय के अंतर्गत स्नातक (यूजी) के 1346, स्नातकोत्तर (पीजी) के 114 और विद्या वाचस्पति ( पीएचडी) के 20 विद्यार्थी शामिल हैं। उन्होंने 13 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 02 विद्यार्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। मानवजीत सिंह को स्नातक बीएससी कृषि में तथा उर्मिला भादू को स्नातकोत्तर (कृषि) में कुलाधिपति पदक से सम्मानित किया गया।राज्यपाल ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक एवं कृषि अनुसंधान डॉ.मंगला राय को कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए राज्यपाल द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस (कृषि) की मानद उपाधि प्रदान की। राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों पर आधारित 9 प्रकाशनों का विमोचन किया गया।
मंडावा के भवन और छात्रावास भवन का किया लोकार्पण
इससे पहले राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने पट्टिका का अनावरण कर स्व.रामनारायण चौधरी कृषि महाविद्यालय, मंडावा (झुंझुनू) के महाविद्यालय भवन,छात्रावास भवन का लोकार्पण किया।राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रारम्भ किए गए ‘आपणो कृषि बाजार’ का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस बाजार का किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। साथ ही खाद्य प्रसंस्करण और विश्विद्यालय द्वारा उत्पादित प्रोडेक्ट भी आमजन को इस बाजार के माध्यम से आसानी से उपलब्ध हो सकेगे।इस अवसर पर महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित,संभागीय आयुक्त डॉ.रवि कुमार सुरपुर,जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि और पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सागर,विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार निकया गोएन, वित्त नियंत्रक पवन कस्वां सहित विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर, विद्या परिषद सदस्य सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
पेमासर में किसान प्रदर्शनी का किया अवलोकन
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि किसान खेती के साथ पशुपालन,डेयरी और उद्यानिकी आधारित उद्योगों को अपनाएं। बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ें,ग्रामीण क्षेत्रों में युवा और महिलाओं के कौशल का विकास करें।राज्यपाल बागडे ने स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव पेमासर में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में किसानों से संवाद करते हुए यह उद्गार व्यक्त किए। बागडे ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा सामाजिक दायित्व के तहत पेमासर गांव गोद लिया है। ग्रामवासी इस अवसर का पूरा लाभ लें।राज्यपाल ने खेती में रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग पर चिंता जताई और कहा कि इससे भूमि की उर्वरा शक्ति प्रभावित हुई है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी बेहद हानिकारक है। इससे कैंसर जैसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके मद्देनजर उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती की ओर लौटने का आह्वान किया।राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गांव के विकास में हरसंभव मदद की जाए। किसानों को तकनीकी ज्ञान दें। इसमें प्रशासनिक विभागों का सहयोग भी लिया जाए।खाजूवाला विधायक डॉ विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि आज राजस्थान विकास की नई राह पर बढ़ रहा है। इसमें किसानों का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सहयोग से पेमासर में सरसों और मोठ की नई किस्मों पर प्रशिक्षण किया जा रहा है। सहकारी समिति के माध्यम से यहां भंडारण केंद्र प्रारम्भ किया गया है।कुलपति डॉ अरुण कुमार ने आगंतुकों का स्वागत किया और कहा कि यह गांव के लिए गौरव का विषय है कि राज्यपाल यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गांव के युवाओं,महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला प्रशासन के सहयोग से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सहित अन्य गतिविधियां आयोजित की जा रही है। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि पेमासर आदर्श कृषि गांव के रूप में विकसित हों।सरपंच तोलाराम कूकणा ने आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो.एन एस राठौड़,जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि,पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर,विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार निकया गोएन,वित्त नियंत्रक पवन कस्वां सहित अन्य ग्रामीण, बड़ी संख्या में किसान तथा महिलाएं मौजूद रहे।