



तहलका न्यूज,बीकानेर। एक तरफ तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा चुनावी घोषणाओं को अमीलीजामा पहनाने का दावा करते नहीं थक रहे। वहीं दूसरी ओर उनके अपने ही उनके इन दावों पर सवालिया निशान उठा रहे है। जिसका जीता जागता उदाहरण शहर भाजपा अध्यक्ष सुमन छाजेड़ का वो पत्र है। जिसमें शहर में विकास कार्य करवाने का जिक्र किया गया है। भाजपा जिलाध्यक्ष के सीएम को लिखे पत्र में बीकानेर की 11 मांगों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से शहर की क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरूस्त करवाने,सीवरेज संबंधित कार्य पूरा करवाने,बीडीए व निगम के विकास कार्य को लेकर चिंता जताई गई है। ऐसे में छाजेड़ ने इस पत्र के माध्यम से शहर के विकास कार्यों व उसकी गति मंद होने की बात पर राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई है। विपक्ष चटकारें ले रहा है कि आखिर भाजपा जिलाध्यक्ष इस पत्र के माध्यम से क्या संकेत दे रहा है।
प्रशासनिक अधिकारियों के सुझावों को ले गंभीर
छाजेड़ के इस पत्र में 11 बिन्दु के रूप में जिला प्रशासन और सभी प्रशासनिक अधिकारियों को भाजपा जिलाध्यक्ष के सुझावों पर गंभीरतापूर्वक क्रियान्वयन करने के निर्देश देने का भी जिक्र किया गया है। जो यह इशारा कर रहा है कि भाजपा राज में भाजपाईयों की प्रशासनिक अधिकारियों पर पकड़ कैसी है। यहीं नहीं 2024-25 में स्पोटर्स कॉलेज की घोषणा पर भी धरातलीय कार्य प्रारंभ नहीं होने पर सवाल उठाएं गये है।
ड्रेनेज सिस्टम में हो सुधार
कांग्रेस के शासन काल में अमृत योजना के रूपयों को अन्यत्र लगाने की बात करने वाले भाजपाई अब अपने ही सरकार को ड्रेनेज सिस्टम को लेकर घेर रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष के पत्र में डे्रनेज सिस्टम में सुधार की जरूरत बताते हुए स्थायी समाधान की मांग की गई है। इतना ही नहीं शहर में नालों व सीवरेज के बीच से निकली हुई पाइप लाईनों को शिफ्ट करने का हवाला भी दिया गया है।
32 केवी जीएसएस की घोषणा,महज घोषणा
शहर भाजपा अध्यक्ष ने बजट में 32 केवी जीएसएस की स्थापना करने के बाद भी आज तक कार्य प्रारंभ नहीं होने पर भी सवाल किये है। वहीं शहर में पत्थर मंडी विकसित न होना,डेयरियों को जमीन आवंटन न होना,जैसलमेर रोड से जोधपुर रोड रिंग रोड का निर्माण न होना,बिजली ट्रांसफार्म की क्षमता बढ़ाना जैसी मांगे उठाई है। जिसको लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
कुल मिलाकर शहर भाजपा अध्यक्ष का यह पत्र स्पष्ट संकेत दे रही है कि भाजपा घोषणा पत्र की घोषणाएं क्या केवल घोषणा थी या इन्हें अमल में लाया जाएगा। भाजपा जिलाध्यक्ष ने सीधे तौर पर यह सवाल न कर अपने पत्र के जरिये इस प्रकार की मांगों को उठाकर भाजपा सरकार की कार्य प्रणाली को कठघरे में खड़ा कर दिया।