



.तहलका न्यूज,बीकानेर। सरकारी टीटी कॉलेज में इसी सत्र से बीएड और एमएड के एडमिशन होंगे। हर साल की तरह इस बार भी तय सीटों पर बीएड काउंसलिंग के दौरान एडमिशन दिया जा सकेगा। जोधपुर हाई कोर्ट ने एनसीटीई को नोटिस जारी करते हुए बीकानेर के सरकारी टीटी कॉलेज में बीएड व एमएड की मान्यता समाप्त करने के आदेश पर रोक लगाई है। गत 02 जून को एनसीटीई ,नई दिल्ली ने इस कॉलेज की बीएड व एमएड की मान्यता वापसी का आदेश जारी किया था। इसी आदेश को राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
ये रहा शिक्षा विभाग का तर्क
शिक्षा विभाग ने अपने पक्ष में बताया कि बीएड व एमएड कोर्स स्कूल शिक्षा के विषय हैं न कि कॉलेज शिक्षा के विषय हैं। यहां प्रशिक्षित विद्यार्थियों को स्कूलों में काम करना होता है, अतः स्कूल की रीति नीति की जानकारी स्कूल शिक्षा से जुड़े कार्मिकों को होती है और वे ही बेहतर स्कूली शिक्षा की समझ इनमें संप्रेषित कर सकते हैं।शिक्षा विभाग ने संस्थान में एनसीटीई की ओर से निर्धारित योग्यताधारी प्रोफेसर,असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर लगा दिए हैं तथा दोनों कोर्स के लिए अलग अलग फैकल्टी को लगाया है।कोर्ट ने एनसीटीई के इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया कि स्कूली शिक्षक कॉलेज में पढ़ाने के लिए अधिकृत नही हैं। एनसीटीई की गाइड लाइन में प्रोफेसर आदि की योग्यताओं का निर्धारण किया गया है न कि स्टाफ कॉलेज का होगा या स्कूल का। इसलिए स्कूल शिक्षा के स्टाफ कॉलेज में लग सकते हैं।अब संस्थान में इसी सत्र से दोनों कोर्सों में प्रवेश हो सकेंगे। इस ऑर्डर से बीएड के नए विद्यार्थियों को इस साल की पीटीईटी काउंसलिंग में भाग लेने का मौका मिल सकेगा। प्राचार्य डॉ रामगोपाल शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने हमारी अपील पर विद्यार्थी हित मे फैसला किया है। अब संस्थान में अध्ययनरत 300 विद्यार्थी नियमित रूप से अध्ययन कर सकेंगे।
इनका चल रहा है मामला
दरअसल, हाईकोर्ट जोधपुर में इस समय दो अलग अलग याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। दोनों को जोड़कर एक साथ सुनवाई करते हुए निर्णय दिया गया है। बीकानेर टीटी कॉलेज के प्रिंसिपल ने नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एज्यूकेशन (एनसीटीई) के निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसमें प्रिंसिपल के अलावा माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने भी पार्टी बनकर शिक्षा विभाग का पक्ष रखा।