दिल्ली। लंबे समय से बिहार चुनावों को लेकर चल रही अटकलों पर आखिरकार विराम लग गया है। सोमवार को निर्वाचन आयोग ने बिहार में चुनावों की तारीखों को एलान करते हुए दो चरणों में चुनाव करवाने का फैसला लिया है। हालांकि तारीखों की घोषणा के साथ ही विरोध के स्वर भी उठने लगे है। जिसके चलते पप्पू यादव ने आयोग पर गंभीर सवाल उठाएं है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य की 243 सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा। पहला चरण 6 नवंबर को 121 सीटों पर और दूसरा चरण 11 नवंबर को शेष 122 सीटों पर होगा। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। आयोग के अधिकारियों ने हाल ही में पटना का दौरा कर सभी तैयारियों का जायजा लिया था, जिसके बाद दिल्ली लौटकर यह घोषणा की गई।

मतदाता और भागीदारी
इस बार बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे, जिनमें 14 लाख नए वोटर शामिल हैं। पिछले वर्ष 2020 के चुनाव में मतदाता भागीदारी 58.7% रही थी, जो 2015 के 56.7% से बेहतर थी। आयोग उम्मीद कर रहा है कि इस बार और अधिक वोटिंग प्रतिशत रहेगा। बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए चुनाव समय पर संपन्न कराने पर जोर दिया गया है।राजनीतिक दलों ने न्यूनतम चरणों में चुनाव की मांग की थी, जिसे आयोग ने स्वीकार किया।

यादव ने आयोग पर उठाए गंभीर सवाल
चुनाव तारीखों के ऐलान के तुरंत बाद पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी (JAP) नेता पप्पू यादव ने आयोग पर निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा,”इतना बेशर्म चुनाव आयोग कभी नहीं देखा। जिस आयोग से निष्पक्षता की उम्मीद थी, उसने आज हर भ्रम तोड़ दिया। BJP मुख्यालय से चुनाव कार्यक्रम भेजा गया, और मुख्य चुनाव आयुक्त ग्यानेश जी ने बस पढ़ दिया।