तहलका न्यूज,बीकानेर।खाजूवाला कृषि उपज मंडी समिति के पूर्व निदेशक रहे,समाजसेवी और धर्म के मार्ग पर निरन्तर अग्रसर हो रहे पर्यावरण प्रेमी,अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा,मुकाम के विशेष आमंत्रित सदस्य रामेश्वरलाल बिश्नोई ने मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस उप महानिरीक्षक भुवन भूषण यादव से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान रामेश्वरलाल बिश्नोई ने उन्हें अपने पिता भंवरलाल सियोल की लिखी धार्मिक भजनों की पुस्तिका भंवर भजनमाला और जम्भेश्वर महाराज की जम्भवाणी भेंट स्वरूप प्रदान की। पुलिस उप महानिरीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के भुवन भूषण यादव दोनों पुस्तकों का अवलोकन करने के बाद इन्हें ज्ञान और धर्म की बातों से ओतप्रोत बताया। इस दौरान उप महानिरीक्षक यादव ने दंतौर सहित बिश्नोई के कार्यकलापों को लेकर भी चर्चा की। बिश्नोई ने उन्हें दंतौर आने का निमंत्रण भी दिया।वहीं भाजपा नेता अशोक बोबरवाल को भी एक शिष्टाचार भेंट में रामेश्वरलाल बिश्नोई ने भंवर भजनमाला भेंट की। अशोक बोबरवाल ने रामेश्वरलाल बिश्नोई के धर्म प्रचार की प्रशंसा भी की।

बिश्नोई की पहचान बनी हजारों धार्मिक पुस्तकें और साहित्य भेंट करने की परंपरा
बता दें कि रामेश्वरलाल बिश्नोई ने अपने पिता की प्रेरणा से वर्ष 1992-93 के करीब यह क्रम शुरु किया। अपने पिता भंवरलाल सियोल को आदर्श मानने वाले रामेश्वरलाल बिश्नोई ने सर्वप्रथम श्रीमद् भागवत गीता भेंट करना आरंभ किया। इसके बाद उन्हें अन्य उपहार से ज्यादा यह भेंट कर आत्मसंतुष्टि का अहसास हुआ और धर्म प्रेम भी जागृत हुआ। इसके बाद जयपुर,दिल्ली से लेकर कहीं पर भी जाना होता और राजनेताओं से लेकर अधिकारियों,समाजसेवी और धर्मगुरुओं से भेंट वार्ता होती,रामदेव जी का इतिहास,हनुमान चालीसा, श्रीमद् भागवत गीता आदि धार्मिक साहित्य भेंट करते। इसकी सभी प्रशंषा करते और इसे प्रेरणादायी बताते। तब से लेकर अब तक रामेश्वरलाल बिश्नोई का यह धार्मिक साहित्य प्रेम निरन्तर जारी है। बिश्नोई ने इसके बाद वर्ष 2024 से गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के साहित्य जम्भवाणी को भेंट स्वरूप देना आरंभ किया और साथ ही अपने पिता भंवरलाल सियोल की लिखी भंवर भजनमाला का संग्रह भी जरुर देते हैं। बिश्नोई का मानना है कि इससे उन्हें आत्म संतुष्टि का अहसास होता है और लेने वाले भी खुशी-खुशी स्वीकार करते हैं। यहां यह बताना भी उल्लेखनीय है कि बिश्नोई सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखते हैं और इसी के चलते अपने क्षेत्र दंतौर के मुस्लिम भाईयों को करीब तीन हजार से ज्यादा कुरान शरीफ भेंट कर चुके हैं।