तहलका न्यूज,बीकानेर। सरकार के बदलाव के साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों की आस लगाएं बैठे राजनीतिक कार्यकर्ताओं को कही खुशी कही गम जैसे हालात से गुजरने की घोषणा आज सीएम की ओर से की गई है। सीएम भजनलाल शर्मा ने सदन में बीकानेर व भरतपुर को विकास प्राधिकरण बनाने की घोषणा की है। राज्य की भजन लाल सरकार ने बीकानेर को बड़ा तोहफा देते हुए नगर विकास न्यास को बीकानेर विकास प्राधिकरण करने की घोषणा दी है। इसके साथ ही बीकानेर को विकास मद में अतिरिक्त बजट मिलने की उम्मीद बन गई है। वहीं नगर विकास न्यास में राजनीतिक नियुक्ति के रास्ते भी नियुक्ति के रास्ते बंद हो जाएंगे।ऐसे में कई नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सोमवार को बजट पर जवाब देते हुए कहा कि बीकानेर में अब नगर विकास न्यास नहीं होगा, बल्कि इसकी जगह बीकानेर विकास प्राधिकरण लेगा। ये प्राधिकरण बीकानेर नगर विकास न्यास क्षेत्र में ही सक्रिय रहेगा। बीकानेर पूर्व और पश्चिम विधानसभा दोनों इस प्राधिकरण के तहत रहेंगे। ऐसे में दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर के विकास का जिम्मा अब बीकानेर विकास प्राधिकरण पर रहेगा। अब तक नगर विकास न्यास में सचिव पद पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) का अधिकारी होता था लेकिन अब विकास प्राधिकरण को संभालने का जिम्मा भारतीय प्रशासनिक अधिकारी (IAS) के पास रहेगा।सबसे बड़ी बात ये है कि नगर विकास न्यास में चैयरमेन पद पर अब किसी राजनीतिक नियुक्ति की उम्मीद खत्म हो गई है। दरअसल, न्यास में ही चैयरमेन पद राजनीतिक होता है, प्राधिकरण में ऐसा कोई राजनीतिक पद नहीं है।
बढ़ सकता है शहर का दायरा
बीकानेर शहर का क्षेत्र भी इस घोषणा के बाद बढ़ सकता है। दरअसल, बीकानेर के शहरी क्षेत्र को बढ़ाने का प्रस्ताव पहले से बना हुआ है। आसपास के गांवों को बीकानेर में शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में विकास प्राधिकरण बनने से ये क्षेत्र शहर में शामिल हो जाएंगे। इससे बीकानेर से नोखा, श्रीगंगानगर, जयपुर, जैसलमेर, नाल की तरफ जाने वाले मार्ग पर स्थित कुछ गांवों को शहर में शामिल किया जा सकता है।बीकानेर में विकास प्राधिकरण का गठन होने के साथ इसमें यहां का विकास कराने के लिए कई वित्तीय शक्तियां निहित हो जाएंगी, जिससे विकास कार्यों की फाइलें और अन्य फाइलों के लिए बीकानेर की जनता को राज्य सरकार के अनुमोदन होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. साथ ही जयपुर के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे वर्तमान में विकास कार्यों की फाइलों के साथ 10 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की फाइलों के टेंडर अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को भेजी जाती हैं बीडीए के गठन होने के बाद ये फाइलें बीकानेर में ही अनुमोदित हो सकेंगी बीडीए का गठन होने के बाद बीडीए में कई तरह के पद होंगे जिससे आम आदमी को सहायता मिलेगी और विकास कार्यों में गति आएगी।