तहलका न्यूज,बीकानेर। जिले में सोलर कंपनियों की ओर से लगातार खेजड़ी के पेड़ काटने और राज्य सरकार की ओर से कानून नहीं बनाने के विरोध में गुरुवार को बीकानेर बंद पूर्णतया सफल रहा। आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़ शहर के मुख्य बाजारों के अलावा गली-मोहल्लों की दुकानें भी बंद नजर आई। वहीं अखिल भारतीय विश्नोई महासभा जुड़े लोग व युवाओं की टीमें बाजारों में घूम-घूमकर बाजार बंद करने का आग्रह कर रही थी। शहर के मुख्य बाजार कोटगेट,केईएम,स्टेशन रोड,दाऊजी रोड, सार्दुल सिंह सर्किल,जस्सूसर गेट,नत्थूसर गेट,रानी बाजार,पंचशति सर्किल,रामपुरा बस्ती,जयनारायण व्यास कॉलोनी,गंगाशहर रोड,गंगाशहर मुख्य मार्केट,भीनासर,खजांची मार्केट,जैन मार्केट,जयपुर रोड़,गंगानगर रोड सहित अनेक क्षेत्रों में भी बाजार पूरी तरह बंद रहे। तो अनाज मंडी,ऊन मंडी में भी कामकाज नहीं हुआ।

कोटगेट पर नारेबाजी,ग्रामीण ने किया डांस
कोटगेट पर भी बंद समर्थक एकत्रित होकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे थे। इस दौरान पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई,सुभाष विश्नोई,विनोद शर्मा,मोखराम,मकसूद अहमद,रामगोपाल सहित बड़ी स ंख्या में समर्थक मौजूद रहे। उधर अनेक ग्रामीण डीजे पर डांस करते नजर आएं। बड़ी संख्या में युवा शक्ति भी कोटगेट पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी।

चप्पे-चप्पे पर पुलिस व्यवस्था
बंद को देखते हुए पूरे शहर में पुलिस की अलग अलग टीमें निगरानी रखे हुए थी। पुलिस के आलाधिकारी व जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। आईजी ओमप्रकाश स्वयं इसको लेकर दिशा निर्देश देते दिखे। वहीं कलक्टर परिसर में भी पुलिस के 200 से ज्यादा जवान,आरएसी के जवान व पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।

आंदोलन के पूर्ण समर्थन में आए पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी,गरजे !
इस दौरान जिला कलक्टर कार्यालय के सामने आन्दोलन से जुड़े समर्थकों ने धरना देक र रोष जताया। जहां पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी पहुंचे। इस मौके पर भाटी ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा,खेजड़ी नहीं तो हम नहीं,राज्य सरकार की अनदेखी की वजह से यह सब हुआ। उन्होंने कहा कि मोर को कोई नुकसान करे तो गैर जमानती मामला और हमारी खेजड़ी की कटाई पर मात्र 100 रुपए का जुर्माना,सरकार का ये कैसा नियम? खेजड़ी को राज्य वृक्ष घोषित करने के बावजूद तेजी से पेड़ों की कटाई हो रही है। ग्रीन एनर्जी के नाम पर अंधाधुंध कटाई जारी है। चिपको आंदोलन, खेजड़ला में 300 से अधिक महिलाओं ने अपनी जान कुर्बान की। भाटी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि अधिकारी जो सलाह देता है।सरकार उनकी बात मान लेती है। राज्य सरकार ने इस बारे में नहीं सोचा तो हम मरने को तैयार है। बिश्नोई महासभा के प्रवक्ता मनोज बिश्नोई नें बताया कि प्रशासन की हठ धर्मिता के चलते आगामी 30 दिसम्बर क ो गुरु जम्भेश्वर भगवान की जन्म स्थली मुकाम में पंचायत करेगें। जिसमें रासीसर महापड़ाव,विधान सभा व मुख्यमंत्री आवास का घेराव पर चर्चा की जाएगी।

इन्होंने दिया समर्थन
बंद को छात्र संगठन एबीवीपी,विश्व हिन्दु परिषद,बार एसोसि एशन,सर्व कामगार सेवा संघ,राजस्थान प्रदेश जीप-कार टैक्सी एकता यूनियन,बीकानेर शहर व देहात का ंग्रेस,जिला उद्योग संघ,बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल,केईएम रोड एसोसि एशन,तोलियासर भैरूजी गली एसोसिएशन,जेएनवीसी,रामपुरा बस्ती व्यापार एसोसिएशन,पवनपुरी मार्केट,पंचशती सर्किल व्यापार मंडल,पीबीएम रोड एसोसिएशन,किन्नर समाज,छ:न्याति ब्राह्मण महासंघ,अखिल भारतीय जाट महासभा,ऊन मंडी पूगल रोड़, अनाज मंडी,क्षत्रिय सभा,श्री राजपूत करणी सेना,विप्र फाउण्डेशन,सादुलगंज विकास समिति,यूथ कांग्रेस की ओर से समर्थन दिया गया। जिनके पदाधिकारी व सदस्य बंद के समर्थन में कलक्टर कार्यालय के आगे जुटे।

क्यों हो रहा है बंद?
दरअसल,बीकानेर के ग्रामीण क्षेत्रों में हर रोज नए-नए सोलर प्लांट लग रहे हैं। इन प्लांट को लगाने के लिए हजारों की संख्या में खेजड़ी के पेड़ काट दिए गए हैं। पेड़ों क ो काटने के बाद नियमानुसार दूसरे लगाने होते हैं,ये काम भी नहीं हो रहा। स्थिति ये है कि अकेले बीकानेर में कई गांवों से खेजड़ी लुप्त हो गई है। जिसके विरोध में पूर्व में पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति की ओर से छत्तरगढ़,जयमलसर,जिला कलक्टर क ार्यालय के सामने अनिश्चितकाली धरना भी दिया। जिसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से नागौर यात्रा के दौरान मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में जल्द ही सख्त कानून बनाने और गैर कानूनी तरीके से खेजड़ी के पेड़ काटने वालों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। इसी आश्वासन पर धरना समाप्त कर दिया गया था। अब तक इस दिशा में कोई काम नहीं होने पर अब बीकानेर बंद की घोषणा की गई।

वार्ता रही असफल
खेजड़ी की अंधाधुंध कटाई को रोकने और कानून बनाने की मांग को लेकर बीकानेर बंद की सफलता के बाद जिला कलेक्टर कार्यालय पर आंदोलनकारियों द्वारा पड़ाव डाला गया। जिसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से आंदोलनकारियो के शिष्टमंडल को वार्ता के लिए बुलाया गया लेकिन जिला प्रशासन और संघर्ष समिति की वार्ता असफल रही। प्रशासन ने यह कहकर टाल दिया कि पेड़ों की कटाई रोकना उनके लिए संभव नहीं है। सिर्फ जुर्माना ही लगा सकते है। इसके बाद संघर्ष समिति के पदाधिकारियो ने 30 दिसंबर को मुकाम में बैठक कर आरपार की लड़ाई करने का निर्णय लिया। शिष्टमंडल में प्रशासन की ओर से जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर सौरभ तिवाड़ी,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कैलाश जांदू,उपनिवेशन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। वहीं संघर्ष समिति के पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई,सुभाष विश्नोई,सरपंच गणपत,रामगोपाल विश्नोई,रिछपाल फौजी,प्रेम जेगला ,मोखराम धारणिया शामिल रहे।

मुक्ता प्रसाद थानाधिकारी को हटाने की मांग
उधर बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों की गाडिय़ों को नुकसान पहुंचाने और उनके साथ मारपीट के आरोप के चलते वार्ता में मुक्ताप्रसाद थानाधिकारी धीरेन्द्र सिंह को थाने से हटाने की मांग भी की। जिस पर जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया।