तहलका न्यूज,बीकानेर। अशोका हॉस्पिटल में एक प्रसूता की मौत का मामला आखिरकार प्रशासन व आन्दोलनकारियों के बीच हुई वार्ता के आद आम सहमति के बाद खत्म हुआ। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल,अम्बेडकर पीठ के महानिदेशक मदन गोपाल मेघवाल ,एसपी तेजस्वनी गौतम की मध्यस्ता से बनी सहमति में तय हुआ कि पूरे प्रकरण जांच एक प्रशासनिक कमेटी द्वारा करवाई जाएगी। जो दो दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके अलावा एक पांच सदस्यीय कमेटी अलग से बनाई जाएगी जो सभी पहलुओं पर गहनता से जांच पड़ताल करेगी। मृतका के आश्रितों को मुआवजे के लिये प्रशासन प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। नवजात के देखभाल की जिम्मेदारी भी प्रशासन की ओर से तय मानदंड़ों के अनुरूप होगी। यहीं नहीं पूर्व में बनाई गई कमेटी में एक सदस्य को निकालकर डॉ संतोष खजोटिया को शामिल किया गया है। यह तय होने के बाद मृतक के परिजन पोस्टमार्टम के लिये तैयार हुए। इससे पहले सुबह अपनी मांगों को लेकर मृतक के परिजन मोर्चरी के आगे धरने पर बैठ गये। इस दौरान भीम सेना के पदाधिकारी,मदन गोपाल मेघवाल भी समर्थन में पहुंचे। गौरतलब रहे कि इस मामले में प्रसूता के प्रसव के बाद अधिक खून बहने से हीना मेघवाल की मौत हुए लगभग 36 घंटे बीत चुके हैं लेकिन अब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया जा सका है। परिजन इस बात पर अड़े कि पहले डॉक्टर और हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई हो। उसके बाद ही पोस्टमार्टम करवाकर शव लेंगे। इसके लिए मंगलवार शाम को जब एडीएम, एसडीएम, सीओ स्तर के अधिकारियों के हस्तक्षेप से कोई समाधान नहीं निकला तो कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल बातचीत करने हॉस्पिटल पहुंचे। यहां कांग्रेस नेता मदन मेघवाल,भाजपा नेता चंपालाल गेदर सहित कई नेता पहुंचे। मृतका के परिजनों से लंबी बातचीत हुई लेकिन पहले दौर की बातचीत बेनतीजा रही। एक ही आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही से हीना की मौत हुई है। मांग भी एक ही है डॉक्टर-हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई हो। मृतका के चाचा लीलाधर कहते हैं, ‘हमें कुछ नहीं चाहिए, इंसाफ चाहिए।Ó