तहलका न्यूज,बीकानेर। जिले के श्रीडूंगरगढ के चर्चित मामले में पुलिस द्वारा पार्षद विनोद गिरी के खिलाफ न्यायालय में आज चालान प्रस्तुत किया गया। जहां विनोद गिरी ने न्यायालय में अपनी जमानत याचिका दायर की जिस पर अपराध की प्रकृति और परिस्थिति को देखते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी विनोद गिरी को जमानत पर रिहा किया। गौरतलब है कि 4 अप्रैल को डूंगरगढ़ कस्बे के व्यवसाई सीताराम सोनी द्वारा आरोपी विनोद गिरी के खिलाफ एक प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाना श्री डूंगरगढ़ में दर्ज करवाई गई थी कि प्रार्थी का खेत जैसलसर गांव जाने के मार्ग पर स्थित है। 08 अप्रेल को सांय के 06.50पीएम पर प्रार्थी अपने खेत के आगे खडा था व प्रार्थी के साथ कानाराम बाह्रम्ण निवासी जैतासर भी था। उस समय प्रार्थी के खेत के आगे खडे विनोद कुमार पुत्र नानुगर व विनोद कुमार का लडका भरत दोनो एक स्कॉपियो गाडी मे बेढकर आये, विनोदगिरी गाडी मे से एक कुल्हाडी लेकर नीचे उतरा व प्रार्थी को मां बहिन की गन्दी गन्दी गालिया निकालने लगा प्रार्थी ने गाली बिकालने से मना किया तो प्रार्थी के साथ थाप मुक्को से मारपीट करने लगा प्रार्थी के कंट पकड़ लिये व विनोदगिरी व उसका लडका दोनो मारपीट करने लगे, विनोद गिरी ने प्रार्थी को मारने के लिए कुल्हाडी से बार किया तो मोका पर कानाराम ब्राहम्ण ने बिच बचाव कर कुल्हाडी को पकड़ा बरना जान से मार डालता। फिर बिनोद गिरी व उसका लडका दोनो स्कॉपियो गाडी में बैठकर भाग गए। जिसमें पुलिस थाना श्रीडूंगरगढ़ के तत्कालीन जांच अधिकारी द्वारा विनोद गिरी के विरुद्ध जुर्म प्रमाणित माना गया तब विनोद गिरी के प्रार्थना पत्र पर उक्त प्रकरण का अनुसंधान पुलिस अधीक्षक बीकानेर के आदेश से बदला जाकर पुलिस उप अधीक्षक वृत्त नगर बीकानेर द्वारा किया गया। जिस पर दोनों ही अनुसंधान अधिकारियों द्वारा विनोद गिरी पर मारपीट करने के आरोप प्रमाणित मानकर आज नतीजा न्यायालय में पेश किया गया।