तहलका न्यूज,बीकानेर। लोकसभा चुनावों में भाजपा का दामन थामने वाले पार्षद मनोज विश्नोई व महापौर के ससुर के विवाद के चर्च आज शहर में अनेक स्थानों पर सुनाई दिए। इस विवाद से न केवल भाजपाईयों में बल्कि निगम के कार्मिकों में भी नाराजगी देखने को मिली। बताया जा रहा है कि महापौर के ससुर के बर्ताव से आहत निगम कार्मिकों में आन्दोलन की सुगबुहाट सुनने को मिली है। वहीं एक पक्ष केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम से मिलने दिल्ली जाने की तैयारी भी कर रहा है। हालांकि विवाद की चिंगारी जैसे ही सोशल मीडिया के माध्यम से शहर के चौक चौराहों तक पहुंची। वैसे ही इस बात की बहस छिडऩी शुरू हो गई कि महापौर के ससुर का यह बर्ताव भाजपा को ले डूबेगा। जब तहलका न्यूज की टीम निगम कार्यालय पहुंची तो वहां भी दबे स्वर में अभियंता और कार्मिक गुमान सिंह के इस रवैये से खासे नाराज दिखे। उधर उपचुनाव की जीत की खुशियां मनाने संगठन कार्यालय में भी कानाफुसी हो रही थी कि इस तरह तो आगामी निगम चुनाव में भाजपा को दिक्कतें पैदा होगी। इतना ही नहीं कुछ तो गुपचुप तरीके से बातें करते नजर आएं कि केन्द्रीय मंत्री की आड़ में महापौर के ससुर अपनों के साथ भी बदसलूकी करने से बाज नहीं आ रहे। जो पार्टी के लिये ठीक संदेश नहीं है। उधर कचहरी परिसर में भी लोग मनोज विश्नोई को आमजन के हित में लडऩे वाला व्यक्तित्व बता रहे थे। ऐसे में उनके साथ बेवजह गाली गालौच कर उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को भी दगादार करने का प्रयास किया है। गंगा थियेटर पर चाय के ठेले पर बैठे लोग भी गुमानसिंह के इस रवैये को गलत बता रहे थे।लोग यहां तक बतीया रहे थे कि आखिर मंत्रीजी की क्या मजबूरी है। इनको साथ रखने की।
अधिवक्ताओं में भी रोष
जानकारी मिली है कि महापौर के ससुर की इस बदसलूकी का अधिवक्ताओं में रोष है। कहा जा रहा है कि अधिवक्ता भी केन्द्रीय मंत्री के बीकानेर आगमन का इंतजार कर रहे है। बीकानेर आने पर अधिवक्ताओं का एक शिष्टमंडल केन्द्रीय मंत्री से मिलेगा। इतना ही नहीं एसपी से भी इसको लेकर एक ज्ञापन देने की चर्चा चल रही है।
पहले भी आ चुकी है अनेक शिकायतें
पता चला है कि पार्टी स्तर पर अनेक कार्यकर्ताओं,पार्षदों ने पूर्व में भी महापौर ससुर द्वारा निगम में अनैतिक दखल अंदाजी की शिकायत मंत्री से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों तक कर चुके है। यहीं नहीं श्रीडूंगरगढ़ में लोकसभा चुनाव के दौरान भी एक विडियो में गुमानसिंह के बर्ताव का भी पार्टी को नुकसान का हवाला दे चुके है। इसके बाद भी पार्टी स्तर पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने से भी कई पार्षद व नेतागण कुंठित है। अनेक बार तो इनके इस बर्ताव का दंस केन्द्रीय मंत्री को भी कार्यकर्ताओं से खरी खोटी सुनकर झेलना पड़ा है।
पांच सालों में कई बार रहे विवादों में
हैरान करने वाली बात तो यह है कि निगम की साधारण सभा हो या साधारण बैठकें। महापौर के ससुर की दंखलअंदाजी से हर एक परेशान नजर आया। उनके इस प्रकार के व्यवहार के कारण कई विवाद भी देखने को मिले। जिसके कारण अपनों से ही विरोध का सामना भी करना पड़ा। इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी भड़ास निकाल रहे है। कुछ एक ने लिखा है कि ये कितने दिन के मेहमान है,सता गई तो सता मद भी दूर हो जाएगा। एक ने तो यहां तक लिख दिया कि वो समय दूर नहीं जब भाजपा का इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। कुछ ने तो लिखा है कि ये साहब तो लोकतंत्र में विश्वास ही नहीं रखते। काफी सालों से ससुरजी ही महापौर की शक्तियों का दुरपयोग कर रहे है।