तहलका न्यूज,बीकानेर। इलाज करवाने के बाद अस्पताल के बिल का भुगतान करने की बजाय अस्पताल में तोडफ़ोड़ करना मरीज के परिजनों को भारी पड़ गया। जिसके चलते अब उनकी सम्पति की कुर्की कर राशि वसूली के आदेश न्यायालय ने दिए है। सिविल न्यायाधीश संख्या तीन ने आदेश सुनाते हुए पिकअप गाड़ी,कृषिभूमि अथवा मकान की कुर्की की वसूली के आदेश श्रीडूंगरगढ़ कोर्ट के सहायक नाजिर को दिए। मामले के अनुसार श्रीडूंगरगढ़ के लिखमीदेसर वार्ड 9 निवासी मोडूराम का डेढ साल पहले सादुलगंज स्थित आयुष्मान हार्ट केयर सेन्टर में एंजियोप्लेस्टी करके जान बचाई। मरीज के ठीक होने के बाद परिजनों ने हॉस्पीटल का भुगतान करने की बजाय अस्पताल में तोडफ़ोड़ कर दी। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से भुगतान के लिये न्यायालय में फरियाद लगाई। जिसके बाद अनेक प्रमाणों व तर्कों को सुनने के बाद 7 दिसम्बर को न्यायाधिपति ने अस्पताल के पक्ष में निर्णय देते हुए
77840 रूपये का भुगतान या सम्पति को कुर्की कर भुगतान की राशि वसूलने का वारंट जारी किया।

यह है मामला
बताया जा रहा है कि 21 अगस्त 2023 मोडूराम आयुष्मान हार्ट केयर सेन्टर में भर्ती हुआ। जिसका ऑपरेशन चिकित्सक डॉ बी एल स्वामी ने किया। जिसको स्वास्थ्य लाभ उपरान्त 25 अगस्त को छुट्टी दे दी गई और शेष राशि 77 हजार रूपये जमा क रवाने के लिये परिजनों को कहा गया। रूपये जमा नहीं करवाने को लेकर परिजनों ने अस्पताल में हो हल्ला कर तोडफ़ोड़ की और अपने मरीज को घर ले गये। मरीज के परिजनों ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज करवाई कि अस्पताल में चिरंजीवी योजना होने के बाद भी मरीजों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा। जिसके पश्चात विभाग की ओर से जांच पड़ताल में स्पष्ट हो गया कि उस समय आयुष्मान हार्ट केयर सेन्टर में चिरंजीवी योजना बंद हो चुकी थी। जिसके चलते किसी भी मरीज को इसका लाभ नहीं मिल रहा था। अस्पताल प्रबंधन ने बकाया भुगतान को लेकर 29 अगस्त 23 को ही कोर्ट में परिवाद पेश कर दिया था।