तहलका न्यूज,बीकानेर। सम्पूर्ण राजस्थान में गोचर,ओरण,जोहड़ पायतन,मंदिर माफी,डोली की भूमि,शामलात भूमि आदि के संरक्षण,संवर्धन क्षेत्र में कार्य करने वाले संस्थाओं,व्यक्तियों,गो सेवी संगठन की एक संयुक्त बैठक का आयोजन पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी के नेतृत्व में व संतों के पावन सानिध्य में रविवार को सुबह 10.00 बजे स्थानीय माखन भोग उत्सव कुंज पूगल फांटा बीकानेर में आयोजित की जाएगी। प्रेस वार्ता में पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी ने कहा कि सरकारें गोचर को समाप्त करने की हठधर्मिता करके बैठी है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाले समस्त गोचर, ओरण संरक्षक समितियां वह व्यक्ति सरकार की इस मंशा को पूर्ण नहीं होने देगा। सरकार हठधर्मिता पूर्वक नए-नए कानून बनाकर गोचर को हस्त गस्त करना चाहती है,समाप्त करना चाहती है जो कि राजस्थान के जागरूक नागरिक होने नहीं देगें। यदि सरकार की इसी प्रकार कुठित मानसिकता बनी रही तो भविष्य में जैव विविधता खत्म हो जाएगी। इससे प्रकृति को बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है। इस तरह गोचर की बर्बादी से प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाएगा, परन्तु वर्तमान सरकारें यह नहीं समझ पा रही है। इसलिए इस अति महत्वपूर्ण बैठक में पूरे राजस्थान में एक साथ, एक आवाज पर बड़ा आन्दोलन खड़ा किया जा रहा है ताकि पूरे राजस्थान की गोचर, ओरण आदि भूमि को बचाया जा सकें। भाटी ने कहा कि पूरे राजस्थान के जिलों से लगभग 200 प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर सूरजमालसिंह नीमराणा ने बताया कि इस अति महत्वपूर्ण बैठक में पूरे राजस्थान की गोचर को बचाने के लिए एक संयुक्त एजेण्डा तय किया जाएगा। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बिन्दू गोचर को गाय के नाम दर्ज करवाना, राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 के नए नियम 7 को हटवाना जो भी जमीन गोचर, ओरण के रूप में दर्ज नहीं है उसे दर्ज करवाना, गोचर का पुन: सीमांकन करवाना और गोचर में हो रहे कब्जे व पुराने कब्जे को हटवाना आदि कई बिन्दू है जिस पर चर्चा करके एक संयुक्त आन्दोलन खड़ा किया जाएगा। सम्मेलन में परम पूज्य रामानंद जी महाराज मुकाम, विमर्श आनंद गिरि जी महाराज शिवबाड़ी, पंडित रामेश्वर नंद जी महाराज सागर, सरजू दास जी महाराज राम झरोखा, श्याम गिरी जी महाराज रातडिया धाम, गोविंद शरण जी महाराज, शंभू गिरी जी महाराज, समता राम जी महाराज पुष्कर आदि संतों का पावन सानिध्य रहेगा । प्रेस कॉन्फ्रेंस में भीनासर गोचर के बंसी लाल तंवर ,गंगाशहर गोचर के कैलाश सोलंकी, एडवोकेट जलज सिंह, मोहन सिंह नाल, पूर्व चेयरमैन यूआईटी महावीरा रांका, प्रताप सिंह कुसुमदेसर आदि ने भाग लिया।