तहलका न्यूज,बीकानेर। लोकतंत्र के उत्सव के पहले चरण का मतदान प्रक्रिया सम्पन्न हुई। लाखों रूपये खर्च कर वोट देने के लिये उत्पादों पर छुट की प्रशासन की पहल भी मतदाताओं को बूथ तक खींच लाने में नाकाम साबित हुई। हालांकि अभी तक मतदान को लेकर फाइनल प्रतिशत सामने नहीं आया है। किन्तु अलग अलग एप की ओर से जारी आंकड़ों में बीकानेर संसदीय सीट पर 53.79 प्रतिशत के करीब मतदान हुआ है। वहीं विधानसभा वार सबसे ज्यादा अनूपगढ़ में 67.01 तथा सबसे कम नोखा में 40.27 फीसदी वोट पड़े हैं। बीकानेर पूर्व में 60.01,बीकानेर पश्चिम में 63.51,खाजूवाला में 57.59,लूणकरणसर में 45.51,क ोलायत में 46.20 व श्री डूंगरगढ़ में 48.98 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया हैं। हालांकि एक अन्य एप ने भी अपने आंकड़े जारी किये है। उसमें पचास प्रतिशत के करीब वोटिंग होना बताया है। परन्तु इतना तय है कि वोट का प्रतिशत पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में पांच से छ: प्रतिशत कम रहा है। जबकि वोट पिछले चुनाव की मुकाबले में करीब तीन लाख बढ़े है। उसके बाद भी इस बार पांच से छ: प्रतिशत वोट कम पडऩा चिंता का विषय है। जबकि चार माह पहले ही विधानसभा चुनाव हुए है। जहां करीब 75 प्रतिशत से उपर मतदान हुआ है।

दिखावें के तौर पर दिखे पार्टियों के नेता
हालात यह रही है कि इस चुनाव में दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता मतदाताओं को पोलिंग बूथ पर लाने के लिये दिखावटी तौर पर ही दिखाई दिए। मतदान केन्द्रों के बाहर या अन्य बूथों का हाल जानने के लिये नेता व समर्थक देखे गये। जिसके चलते विधानसभा चुनाव की तुलना में मतदान का प्रतिशत खासा कम देखने को मिला है। जिसके बाद चुनावी बाजार में चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। कोई इसे कांग्रेस के लिये तो कोई भाजपा के लिये घातक मान रहा है।

मतदान के लिये प्रचार प्रसार का खुब हुआ तामझाम
मंजर यह रहा कि मतदान के लिये तामझाम भी खूब हुए। पर सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आया।चुनाव आयोग,प्रशासन व अनेक कार्यक्रमों में मतदान की अपील की गई। वस्तुओं की खरीद पर छूट दी गई। पर मतदाताओं को रिझा पाने में कामयाबी नहीं मिली।