तहलका न्यूज,बीकानेर। जिले में बढ़ते अपराध को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से रात 11 बजे बाद दुकानें बंद करने के फैसले का स्वागत तो किया जा रहा है। लेकि न दुकानें बंद करवाने में भेदभाव की सुगबुगाहट भी सामने आने लगी है। बताया जा रहा है कि कुछ इलाकों में दुकानें बंद करवाने को लेकर सख्ताई दिखाई जा रही है तो कुछ दुकानों को रियायत दी जा रही है। जानकारी निकल करके सामने आ रही है कि कोटगेट,जेएनवीसी,नयाशहर व कोतवाली थाना इलाके में अलग अलग क्षेत्रों में कई दुकानें खुली रहती है तो कईयों को जबरन बंद करवाया जा रहा है। दुकानदारों की पीड़ा है कि जब 11 बजे का नियम सभी के लिये है तो फिर चुनिंदा दुकानें क्यों खुली रहती है।

पुलिस द्वारा नागरिकों के साथ बदसलूकी का भी आरोप
कई लोगों ने तहलका न्यूज को बताया कि पुलिस की ओर से रात्रि में किसी कार्यवश अगर वे बाजार में खड़े होते है। तो पुलिस द्वारा उनके साथ बदसलूकी की जाती है। उन्हें अपराधी की तरह वहां से भगाया जाता है। जबकि पुलिस के चेहतें दुकानदारों को समय सीमा में छूट दी जा रही है।

पीबीएम के सामने बनी दुकानें भी नहीं होती बंद
सूत्र बताते है कि पीबीएम अस्पताल के सामने भी रात 11 बजे बाद दुकानें बंद होने का नियम खान-पान की दुकानों पर लागू नहीं हो रहा है। जबकि पीबीएम परिसर में खान-पान की कई दुकानें खुल चुकी है। उसके बाद भी अस्पताल परिसर के बाहर दुकानों का देर रात तक खुला रहना कही न कही खाकी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने जारी किया विडियो
उधर कांग्रेस प्रवक्ता नितिन वत्सस ने एक विडियो जारी कर दुकानों को बंद करवाने में भेदभाव का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन का यह कदम निश्चित रूप से स्वागत योग्य है। लेकिन दुकानों को बंद करवाने में छुटकर व बड़े व्यापारियों में भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है। हालात यह है कि सट्टा बाजार में दुकानें बंद करवाते है और कोटगेट थाने के सामने दुकान खुली रहती है। जेलरोड पर दुकानें खुली है और केईएम रोड पर ठेले वालों को परेशान किया जाता है। ऐसा भेदभाव उचित नहीं।