तहलका न्यूज,बीकानेर। छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल का विस्तार के बाद अब राजस्थान में भी मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना बढ़ गई है।पिछले 23 दिनों में सीएम भजनलाल शर्मा तीन बार दिल्ली दौरा कर चुके हैं। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित प्रदेश के अन्य नेताओं की सक्रियता को देखकर भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि प्रदेश में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।दरअसल,बीजेपी को छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश और राजस्थान में पूर्ण बहुमत मिला था। वहीं दो दिन के अंतराल में ही तीन राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों ने शपथ ली थी। अब सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम ने अपने मंत्रिमंडल का पहला विस्तार किया।मंत्रिमंडल में सभी गुटों का होगा समावेश प्रदेश में भाजपा की सरकार बने करीब पौने दो साल हो चुके हैं। अब जो मंत्रिमंडल विस्तार होगा,वो अगले डेढ़ से दो साल तक चलेगा।इस कारण पार्टी नेतृत्व चाहता है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में सभी गुटों के नेताओं को मौका मिले,जिससे सरकार के शेष कार्यकाल में किसी भी तरह की गुटबाजी न होकर सरकार मजबूती से प्रदेश के विकास के लिए काम क र सकें। जिससे आने वाले चुनावों में पार्टी को फायदा मिले।यही वजह है कि पिछले दिनों हुई राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन के कामकाज में संघ और राजे गुट के नेताओं को भी तरजीह दी गई हैं। सरकार ने संघ के करीबी मानें जाने वाले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का चेयरमैन बनाया।वहीं प्रदेश संगठन ने राजे गुट के मानें जाने वाले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को तिरंगा यात्रा और विभाजन विभीषिका अभियान का संयोजक बनाया।

राठौड़ ने कई मंत्रियों को हटाने के दिए थे संकेत
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी पिछले दिनों कुछ मंत्रियों को हटाकर पार्टी संगठन में लेने के संकेत दिए थे। मदन राठौड़ ने कहा था कि हम तो कई मंत्रियों को भी संगठन में लेने की सोच रहे हैं। हमारे यहां से भी कई जा सकते हैं, उधर से भी हम ले सकते हैं।हमारे यहां संगठन सर्वोपरि है। संगठन सत्ता बनाता है, इसलिए सत्ता में जिसकी जरूरत होगी, उसको सत्ता में भेजेंगे। हमारे यहां तो सिपाही हैं। हमारा कार्यकर्ता सिपाही है,कहीं भी भेजो वहां काम करेगा।