तहलका न्यूज,बीकानेर। शहर भाजपा की आठ माह घोषित हुई नई टीम को लेकर अब चर्चाओं को बाजार गर्म होने लगा है। अपने नाम ने छापने की शर्ते पर कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुले शब्दों में बताया कि टीम में ऐसे चेहरे शामिल किये गये है,जिन्होंने निगम में भाजपा के बोर्ड को गिराने में अहम भूमिका निभाई तो यह कहता नजर आया कि इसमें से अधिकांश पश्चिम विधानसभा के लोग है। इतना ही नहीं जातिय समीकरण को बराबर तवज्जो नहीं देने की बात भी सामने आई है। हालांकि सोशल मीडिया पर कुछ कार्यकर्ताओं ने धोखे और तलवा चाटने जैसे शब्दों का प्रयोग करते हुए नई टीम के गठन पर सवाल खड़े किये है। कई चेहरों में कार्यकारिणी में वापिस जगह देने पर भी कई कार्यकर्ताओं ने अपने शीर्षस्थ नेताओं के समक्ष नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि ऐसे में आने वाले चुनाव में असंतुलित टीम के भरोसे कैसे नैया पार लगेगी। बताया जा रहा है कि कई सक्रिय कार्यकर्ता को कार्यकारिणी में जगह नहीं मिलने से भी आक्रोश के स्वर गूंजने लगे है।

कार्यकारिणी में शामिल होने वालों को टिकट न मिलने की भी चर्चा
नई कार्यकारिणी घोषित होने के बाद यह चर्चा भी आम हो चली है कि जो विधानसभा का टिकट मांग रहे है,उन्हें संगठन में जगह मिलने के बाद कही टिकट का संकट तो नहीं। उन्हें टिकट मिलेगी या नहीं इसकी चर्चा भी सोशल मीडिया पर जमकर हो रही है।

23 पदाधिकारियों में कई रिपीट,कई विवादों में रहने वाले
जानकारी मिली है कि शहर भाजपा की नई टीम में कई सात जने ऐसे है,जो पिछली कार्यकारिणी भी थे। वहीं एक मोर्च के अध्यक्ष थे। शेष में एक पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ चुके है तो एक पर अखिलेश प्रताप सिंह के समय बोर्ड गिराने का आरोप लगते रहे है। कार्यकारिणी में एक पदाधिकारी ऐसा भी बनाया गया है,जो केन्द्रीय मंत्री के ध्रुव विरोधी को पुनःभाजपा में शामिल करने की पैरवी के लिये प्रदेश संगठन को पत्र भी लिख चुका है। इतना ही नहीं 23 सदस्यीय टीम में 15 पदाधिकारी पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से आते है। जिसके कारण असुन्तलन टीम के गठन के आरोप भी लग रहे है।