तहलका न्यूज़,जयपुर। कार्तिक कृष्णा अमावस्या को दीपावली त्योहार मनाया जाएगा। इस बार तिथियों के भुक्त-भोग्य यानि घटने-बढ़ने के कारण दीपावली का पर्व 5 की बजाए 6 दिनों का होगा। दीपावली महापर्व शुक्रवार 10 नवम्बर को धनतेरस से शुरू होकर छोटी दीपावली या रूप चौदस 12 नवम्बर और दीपावली 12 नवम्बर, अन्नकूट व गोवर्धन पूजा 14 नवम्बर और भैयादूज 15 नवम्बर के साथ ही सम्पन्न होगा।
किला रोड महादेव अमरनाथ के पं. कमलेश कुमार दवे के अनुसार, तिथियों के भुक्त भोग्य के अंतर के कारण धनतेरस 10 नवंबर को है, लेकिन 11 नवंबर को दोपहर 1:58 बजे चतुर्दशी तिथि आ जाएगी। इस कारण 12 नवंबर को प्रात: काल में रूप चतुर्दशी का स्नान होगा। इसके अतिरिक्त 12 नवंबर को मध्याह्न 2:45 बजे अमावस्या आ जाएगी, इस कारण 12 नवंबर को ही महालक्ष्मी पूजन और दीपोत्सव मनाया जाएगा। वहीं 14 नवम्बर को कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा 9 मुहूर्त से अधिक होने पर 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट होगा और भाई दूज का पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा।
क्या है भुक्त-भोग्य का
पं. अनीष व्यास व पं. रमेश द्विवेदी के अनुसार किसी भी तिथि के व्यतीत होने के काल को, जो पूरा हो चुका है वह भुक्त काल कहलाता है और जो काल अर्थात समय भोगना या बीतना शेष है, वह भोग्य काल कहलाता है। जैसे 10 नवंबर को द्वादशी तिथि दोपहर 12:35 बजे बीत जाएगी। यह द्वादशी तिथि का भुक्त काल हो गया है और उसके बाद त्रयोदशी तिथि का प्रवेश हो जाएगा, जो दूसरे दिन दोपहर 1:57 बजे तक रहेगा, यह त्रयोदशी तिथि का भोग्य काल कहलाएगा। त्रयोदशी पर यम दीपदान प्रदोष समय में होता है इसलिए प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को रहने से धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाएगी।
पं. अनीष व्यास व पं. रमेश द्विवेदी के अनुसार किसी भी तिथि के व्यतीत होने के काल को, जो पूरा हो चुका है वह भुक्त काल कहलाता है और जो काल अर्थात समय भोगना या बीतना शेष है, वह भोग्य काल कहलाता है। जैसे 10 नवंबर को द्वादशी तिथि दोपहर 12:35 बजे बीत जाएगी। यह द्वादशी तिथि का भुक्त काल हो गया है और उसके बाद त्रयोदशी तिथि का प्रवेश हो जाएगा, जो दूसरे दिन दोपहर 1:57 बजे तक रहेगा, यह त्रयोदशी तिथि का भोग्य काल कहलाएगा। त्रयोदशी पर यम दीपदान प्रदोष समय में होता है इसलिए प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को रहने से धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाएगी।
– त्रयोदशी तिथि 10 नवम्बर दोपहर 12:35 बजे से 11 नवम्बर दोपहर 01:57 बजे तक।
– चतुर्दशी तिथि 11 नवम्बर दोपहर 01:58 बजे से 12 नवम्बर दोपहर 02:44 बजे तक।
– कार्तिक अमावस्या तिथि 12 नवम्बर दोपहर 02:45 से 13 नवम्बर दोपहर 02:57 बजे तक।
– चतुर्दशी तिथि 11 नवम्बर दोपहर 01:58 बजे से 12 नवम्बर दोपहर 02:44 बजे तक।
– कार्तिक अमावस्या तिथि 12 नवम्बर दोपहर 02:45 से 13 नवम्बर दोपहर 02:57 बजे तक।
12 नवम्बर को लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
– प्रदोष काल (लग्न) शाम 05:34 – रात 08::08 बजे तक।
– वृषभ काल (लग्न) शाम 05:48 – रात 07:45 बजे तक।
– सिंह काल (लग्न) रात 12:18 – रात 02:34 बजे तक ।
– प्रदोष काल (लग्न) शाम 05:34 – रात 08::08 बजे तक।
– वृषभ काल (लग्न) शाम 05:48 – रात 07:45 बजे तक।
– सिंह काल (लग्न) रात 12:18 – रात 02:34 बजे तक ।