तहलका न्यूज,बीकानेर।बीकानेर पश्चिम विधानसभा की वोटर लिस्ट में हुई अनियमितता एवं धाँधलेबाज़ी के संबंध में पूर्व में भाजपा नेता अरुण आचार्य द्वारा चुनाव आयोग व बीकानेर ज़िला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी भगवती प्रसाद कलाल को पत्र के माध्यम से अवगत करवाया था, परंतु जिला कलक्टर द्वारा जांच के संबंध में उपयुक्त जवाब नहीं देने व आचार्य के साथ अभद्र व्यवहार करने के कारण गत 6 अक्टूबर को राजस्थान उच्च न्यायालय में अरुण आचार्य द्वारा वोटर लिस्ट में धांधली को लेकर तथ्यों के साथ एक याचिका दायर की गई , तत्पश्चात  उच्च न्यायालय ने एक आदेश जारी करते हुए Representation of people Act 1950 के section 22 को ध्यान में रखते  हुए अरुण आचार्य के प्रतिवेदन को रिप्रजेंटेशन एक्ट 1950 के  सेक्शन 22 के अनुसार उच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना करते हुए निर्णीत करने का आदेश चुनाव आयोग राजस्थान व जिला निर्वाचन अधिकारी बीकानेर को दिया। तत्पश्चात भाजपा नेता अरुण आचार्य द्वारा गत 8 अक्टूबर को पुनः जिला निर्वाचन अधिकारी को माननीय हाई कोर्ट के आदेशों के साथ एक पत्र देकर अलग-अलग तीन सूचियां एक सैंपल के तौर पर दी गई जो कि इस बात का प्रमाण थी की कुछ मतदाताओं के नाम एक ही विधानसभा में दो जगह एवं कुछ मतदाताओं के नाम पश्चिम विधानसभा के अलावा दूसरी किसी अन्य विधानसभा में भी जुड़े हुए हैं, इसी क्रम में आज दोपहर जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर बीकानेर पश्चिम के रिटर्निंग ऑफिसर एवं एडीएम सिटी जगदीश प्रसाद गौड़ द्वारा हाई कोर्ट के आदेशों के पश्चात उनके द्वारा की गई जांच की जानकारी देने बाबत आचार्य को कलेक्ट्रट परिसर स्थित अपने कार्यालय बुलाया गया एवं यह जानकारी दी गई कि उनके द्वारा जो डुप्लीकेट वोटर्स की सैंपल लिस्ट दी गई थी उसमें से लगभग 20 से 25% वोटर्स डुप्लीकेट पाए गए हैं जिनमें से किसी का नाम पश्चिम विधानसभा में ही दो जगह है तो किन्ही वोटर्स का नाम पश्चिम विधानसभा के अलावा किसी अन्य विधानसभा में भी है जब आचार्य द्वारा रिटर्निंग ऑफिसर जगदीश प्रसाद गौड़ से उनके द्वारा की गई जांच की प्रतिलिपि मांगी गई तो उनके द्वारा 24 घंटे के अंदर प्रतिलिपि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया ।