तहलका न्यूज,बीकानेर। जिला प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक संचालक मंडल के चुनावों का पहला चरण विवादों में घिरता नजर आ रहा है। जिसको लेकर भूमि विकास बैंक के कार्यालय में गर्मा गर्मी का माहौल के हालात बने हुए है। बताया जा रहा है कि संचालक मंडल चुनावों से पहले लघुत्तम निकाय सदस्यों के चुनावों की अंतिम मतदाता सूची में महज एक नाम जोडऩे पर विवाद बना हुआ है। कई पात्र सदस्यों का आरोप है कि वर्तमान निर्वाचन अधिकारी मो फारूख नियमों का धता बताकर एक जने का नाम जबरन जोडऩे को आमदा है। जबकि वह व्यक्ति नये नियमों के तहत वह सदस्य बनने के योग्य ही नहीं है। ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि चुनावी प्रक्रिया के दस दिनों के अंदर ही इस गड़बड़ी के चलते चार निर्वाचन अधिकारी बदले जा चुके है। हैरानी की बात तो यह है कि वर्तमान निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद फारूख भी इस मामले में कोई अधिकृत जानकारी देने से बच रहे है। इन चुनावों में सबसे बड़ा सवाल ही यही उबर कर सामने आया है कि ऐसा कौनसा दबाव है जिसकी वजह से संचालक मंडल चुनावों से पहले लघुतम निकाय के चुनावों के लिये अंतिम मतदाता सूची जारी करने से पहले चार निर्वाचन अधिकारी क्यों बदले गये है। इस मामले की जानकारी के लिये जब निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद फारूख से बातचीत करने का प्रयास किया गया तो वह जानकारी देने के बजाय टालमटोल करते नजर आये। ऐसे में यह बात साफ तौर पर समझ आ रही है कि चुनावों में सियासी दबाव किस कदर हावी है। वहीं बीकानेर उपभोक्ता होलसेल भंडार चैयरमेन नगेन्द्रपाल सिंह शेखावत ने इन चुनावों को लेकर संवैधानिक प्रक्रिया के उल्लघंन का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावों की मतदाता सूची में नाम जोडऩे की प्रक्रिया 5 से 12 जून दोपहर एक बजे तक पूरी कर ली जानी थी,लेकिन महज एक नाम जोडऩे के लिये 12 जून देर रात तक अंतिम मतदाता सूची जारी नहीं की गई थी। उन्होनें रोष जाहिर करते हुए कहा कि बीकानेर सहकारी भूमि विकास बैंक संचालक मंडल की चुनाव प्रक्रिया में पूरी तरह मनमानी की जा रही है,जो किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी और इसके लिये कानूनी लड़ाई भी लडऩी पड़ी तो पीछे नहीं हटेगें।
इसलिये उलझा हुए है पेच
जानकारी के अनुसार पहले चरण में 60 वार्ड के पार्षदों का निर्वाचन होना है। जिसकी मतदाता सूची 12 जून दोपहर तक जारी हो जानी चाहिए थी। जिसके बाद ही मंगलवार से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी। किन्तु निर्वाचन अधिकारी सियासी दबाव में गाइड लाईन का उल्लघंन करने के प्रयास में जुटा है। जिसका विरोध किया जा रहा है। सूत्र बताते है कि जगदीश कस्वां के नाम को जोडऩे को लेकर विवाद बना हुआ है। कस्वां मतदाता बनने की पात्रता को पूरा नहीं कर पा रहे है। हालांकि निर्वाचन अधिकारी उन्हें नोटिस देने का हवाला देकर इस विवाद से पल्ला झाडऩे का प्रयास कर रहे है। परन्तु नये नियमों के मुताबिक नोटिस देने का कोई प्रावधान ही नहीं है।
बदले जा चुके है चार निर्वाचन अधिकारी
चुनाव में धांधली की आशंका को लेकर किसी एक व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में जोडऩे को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। इस विवाद से बचने के लिये अब तक चार निर्वाचन अधिकारी बदले जा चुके है। फिर भी विवाद वहीं का वही बना हुआ है और हालात यह है कि नामांकन पत्र दाखिल करवाने की तिथि से 12 घंटे पहले तक अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन तक नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से रात दस बजे तक मतदाता सूची को लेकर करणी नगर स्थित कार्यालय में माहौल गर्माया हुआ था।
सदस्य बनने और चुनाव लडऩे की यह है पात्रता
सहकारिता निर्वाचन के नये नियमों के अनुसार इस चुनावी प्रक्रिया में वो ही सदस्य बन सकता है और चुनाव लड़ सकता है। जिसने एक अप्रेल 2018 से 31 मार्च 2023 तक पचास हजार तक लोन ले रखा है। तथा 31 मार्च 2023 तक लोन या ब्याज चुकता कर चुका हो। लेकिन इन तिथियों से आगे पीछे लोन लेने वाला न तो सदस्य बन सकता है और न ही चुनाव लडऩे का पात्र है। इतना ही नहीं लोन ड्यू तो हो सकता है,परन्तु अवधिपार होने वाले भी को भी अपात्र घोषित किया गया है।