तहलका न्यूज,बीकानेर। केन्द्र व राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के दावे करती आ रही है और महिला उत्पीडऩ को लेकर गंभीरता की बातें करती है। किन्तु इनमें कितना खोखलापन है,इसकी बानगी एक पिता द्वारा पिछले दो साल से खाकी कार्यालयों के चक्कर लगाने से देखी जा सकती है। जिन्होंने पिछले दो सालों में करीब पचास बार से ज्यादा आईजी,एसपी और महिला थाने की चौखट तक दस्तक दी है। परन्तु कार्रवाई करेंगे का आश्वासन लेकर लौटते आएं है। बताया जा रहा है कि उनकी शिकायत शायद भोलाराम का जीव बनकर फाइलों में दब गई है। धनपतराय मार्ग निवासी श्याम सुंदर राठी बताते है कि उनकी पुत्री किशोरी को न्याय दिलाने के लिये वे 2022 से अपनी फरियाद लेकर बीकानेर,जयपुर और दिल्ली तक चक्कर लगा रहे है। फिर भी सुनवाई आगे नहीं बढ़ी है। पीडि़त किशोरी के पिता ने शुक्रवार को फिर एसपी तेजस्वनी गौतम को एक ज्ञापन सौंपा है। जिसमें पुत्री को तंग,परेशान व मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दोषियों के गिरफ्तारी की गुहार लगाई है तथा स्त्रीधन लौटाने की बात कही है।

ये है मामला
किशोरी राठी का विवाह 5 फरवरी 2022 को नेपाल निवासी अंकित मून्दड़ा के साथ हिन्दु रीति रिवाज के साथ हुआ। लेकिन विवाह के कुछ महीनों बाद ही किशोरी को पति व ससुराल वाले तंग व परेशान करने के साथ मारपीट करने लगे। जिसकी जानकारी अपने परिवार वालों को उपलब्ध करवाने के बाद पिता श्यामसुंदर अपनी पुत्री को किसी बहाने बीकानेर ले आएं। और यहां पहुंचकर 2 जून 2022 को महिला थाने में पति सहित अनेक जनों के खिलाफ जरिये इस्तागासा मामला दर्ज (139/22)करवाया। किशोरी को मारपीट करने से संबंधित बतौर सबूत फोटोज,कॉल रिकॉर्डिग,विडियो व आवश्यक दस्तावेज भी महिला थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिए गये। उसके बाद भी महिला थाना पुलिस ने अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की। पिता का आरोप है कि एफआईआर में 328 व 382 धाराएं भी जोड़ी नहीं गई।

इनको की जा चुकी है शिकायतें
राठी बताते है कि इस मामले में सुनवाई नहीं होने के कारण उन्होंने प्रधानमंत्री,गृह मंत्रालय भारत सरकार,गृह मंत्रालय जयपुर,मानवाधिकार आयोग दिल्ली,लोकायुक्त,प्रशासनिक सुधार व लोक प्रशासन विभाग,राष्ट्रीय महिला आयोग,केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल,मुख्यमंत्री राजस्थान,महिला आयोग अध्यक्ष राजस्थान,पुलिस महानिदेशक,राजस्थान,मानवाधिकार आयोग जयपुर,आईजी बीकानेर,एसपी बीकानेर को भी की गई। जिसमें से गृहमंत्रालय महिला सुरक्षा विभाग की ओर से 17 नवम्बर 2023 ने गृह सचिव राजस्थान सरकार को मामले की जांच पड़ताल कर पीडि़त को न्याय दिलाने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं लोकायुक्त व महिला आयोग की ओर से भी मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के लिये जिला पुलिस को निर्देशित किया गया। इसके बावजूद भी किशोरी आज भी न्याय की उम्मीद लिये बैठी है। जबकि पिता पुलिस व प्रशासन के गलियारों के चक्कर लगा रहे है।

एसपी महिला,फिर भी नहीं समझ रही पीड़ा
पिता श्याम सुन्दर का कहना है कि जिला पुलिस अधीक्षक एक महिला है। उनको तो कम से कम एक महिला की पीड़ा को सुनना चाहिए। इन दो सालों में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने जरूर एक दो बार बात सुनी। उसके बाद जब भी वर्तमान पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम से मिलने जाते तो कोई न कोई बहाना बताकर बाहर से ही वापस रवाना कर दिया जाता। वहीं आईजी से पांच से छ:बार मुलाकात होने के बाद भी ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई। राठी कहते है कि महिला थाने की तो बात ही क्या करें। ऐसे में एक आम आदमी की सुनवाई कैसे होगी।राठी बताते है कि पुलिस आचार संहिता की बात कह कर रवाना कर देते है। जबकि पीडि़त का न्याय दिलाने में आचार संहिता आड़े आने की बात नहीं है।