तहलका न्यूज,बीकानेर।पांच दिवसीय दीपोत्सव महापर्व में शनिवार को धनतेरस से शुरू हुआ।धनतेरस पर जहां घरों,मंदिरों व व्यापारिक प्रतिष्ठान में दीप प्रज्ज्वलित किये गये। वहीं भगवान धन्वन्तरि का पूजन कर आरोग्य रहने की कामना की गई।खरीदारी की परम्पररा के कारण शहर के बाजारों में सुबह से रात तक खरीदारों की भीड़ रही।धनतेरस पर लोगों ने सोने-चांदी के आभूषणों से लेकर मिट्टी के बर्तनों तक की खरीदारी की।धनतेरस पर ऑटोमोबाइल्स एजेंसियों,फर्नीचर की दुकानों,इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रोनिक्स की दुकानों, रेडिमेड वस्त्र, सजावटी सामान, सौन्दर्य प्रसाधान सामग्री,साडिय़ा,बर्तन आदि की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ रही।शहर के कोटगेट,केईएम रोड,सट्टा बाजार,स्टेशन रोड,सार्दुल सिंह सर्किल,फड़बाजार,जोशीवाड़ा,दाऊजी मंदिर रोड,तेलीवाड़ा सर्राफा बाजार,मोहता चौक,बड़ा बाजार,दांती बाजार, भुजिया बाजार,जस्सूसर गेट,नत्थूसर बास,रामपुरा,गंगाशहर सहित शहर के सभी बाजारों में सुबह से रात तक दीपावली को लेकर खरीदारी चलती रही।

भगवान धन्वन्तरि की जयंती पूजा-अर्चना
भगवान धन्वन्तरि की जयंती पूजा-अर्चना के साथ मनाई गई।धनतेरस का पर्व मनाने वाले लोगों ने आरोग्य सुख की प्राप्ति की कामना को लेकर विविध पूजन सामग्रियों के साथ भगवान धन्वन्तरि के चित्र का पूजन कर आरती की।आमजन के साथ आयुर्वेद से जुड़े चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ सदस्यों ने भगवान धन्वन्तरि का पूजन किया।मोहता रसायन शाला में भगवान धनवंतरी जयंती धूमधाम से मनाई गई।कार्यक्रम की शुरुआत वैद्यों द्वारा भगवान धनवंतरी की पूजा-अर्चना से हुई।इस अवसर पर वैद्य समुदाय के उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया।कार्यक्रम में वैद्य रमेश चंद्र शर्मा,ओमप्रकाश गौड़ और घनश्याम रामावत का सम्मान किया गया।वक्ताओं ने कहा कि भगवान धनवंतरी आयुर्वेद के जनक हैं।आयुर्वेद भारतीय चिकित्सा पद्धति की आत्मा है, और धनतेरस का दिन हमें स्वास्थ्य के महत्व की याद दिलाता है।