तहलका न्यूज,बीकानेर। एक ओर तो केन्द्र सरकार हर घर नल से जल योजना के जरिये पानी की उपलब्धता का दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर बीकानेर में प्रदेश की भाजपा सरकार के सरकारी नुमाइंदे हर घर नल से जल योजना का मखौल उड़ा रह है। जबकि बीकानेर से दिल्ली तक कड़ी से कड़ी जोड़कर त्रिपल इंजन की सरकार भी लोगों ने बनाई है। फिर भी यहां न तो अधिकारी और न ही जनप्रतिनिधि सुनवाई कर रहे है। हालात यह है कि जल संबंधित पत्रावलियां को फुटबाल बनाकर इधर उधर किया जा रहा है। मामला गंगाशहर क्षेत्र के चोपड़ा बाड़ी का है। जहां पाइपलाइन से जलापूर्ति के लिये किये गये आवेदन की पत्रवालियां पिछले एक महीने से ज्यादा एक ऑफिस से दूसरी ऑफिस भेजी जा रही है। जबकि आवेदकों के आवेदन का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि चोपड़ा बाड़ी क्षेत्र के सोहनलाल गहलोत,घेवरचंद गहलोत,ताराचंद गहलोत ने बद्री भैरू मंदिर के पास पाइपलाइन से कनेक्शन कर जलापूर्ति करवाने के लिये 25 मई को आवेदन उपखंड चतुर्थ लक्ष्मीनाथ कार्यालय में जमा करवाया। इसके बाद कनेक्शन नहीं होने पर 30 मई को अधीक्षण अभियंता कार्यालय से पत्र क्रमांक 2546 द्वारा उपखंड चतुर्थ के सहायक अभियंता को तत्काल कनेक्शन करने के लिये मार्गदर्शन दिया गया। जिस पर कनेक्शन करने की बजाय सहायक अभियंता ने 10 जून को एक पत्र क्रमांक 175 जारी कर इन आवेदकों को अपने अधिकार क्षेत्र में ये आवेदन नहीं आने की बात कहते हुए गंगाशहर स्थित जलदाय विभाग के अष्टम उपखंड कार्यालय में फाइलें जमा करवाने के लिये निर्देशित किया। जिस पर 13 जून को आवेदकों ने वहां अपनी आवेदन फाइलें जमा करवाई। इन फाइलों का निस्तारण करने की बजाय उपखंड अष्टम के अभियंता ने संबंधित क्षेत्र का मुआयना करवाकर एक पत्र क्रमांक 103-105 जारी कर आवेदकों को जारी कर दिया कि ये क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। इसलिए आप अपना आवेदन पुन:लक्ष्मीनाथ उपखंड कार्यालय चतुर्थ में ही जमा करवावें। ऐसे में जलदाय विभाग के अधिकारियों द्वारा अधिकार क्षेत्र में मामला उलझाकर बद्री भैरू मंदिर चोपड़ा बाड़ी के पास रहने वाले निवासियों को बूंद बूंद पानी के लिये मोहताज किया जा रहा है।
चार साल से अटकी पड़ी है फाइलें
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जलदाय विभाग में कनेक्शन के लिये चार साल से आवेदन कर रखा है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लगता है सता बदली है सिस्टम नहीं। क्षेत्र के ताराचंद का कहना है कि अनेक बार स्थानीय विधायक व क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधियों को गुहार लगा चुके है। परन्तु वे इस समस्या का समाधान करने की बजाय केवल आश्वासन ही दे रहे है। मंजर यह है कि जिला कलक्टर को भी इस प्रकरण को बारे में अवगत करवाने के बाद भी क्षेत्र में न तो पाइपलाइन डाली गई है और न ही डाली गई पाइपलाइन से जलापूर्ति की जा रही है। जिससे यहां के लोग पीने के पानी के लिये भी मोहताज है। ताराचंद कहते है कि सरकार के दावों पर पानी फिर रहा है।
हर सोमवार होती है विभागीय समीक्षा,अधिकारी कर रहे गुमराह
हालात यह है कि प्रत्येक सोमवार को जिला कलक्टर सभी विभागों के अधिकारियों की समीक्षा करती है। लेकिन उनके सामने तो आंकड़े और तथ्य पेश किये जाते है। ऐसा लगता है कि वे महज गुमराह करने वाले होते है। अधिकारी बैठक की खानापूर्ति करने के लिये उच्चाधिकारियों को छिपाएं तथ्य पेश करते है। अगर धरातलीय स्थिति देखी जाएं तो ऐसे प्रकरण अनेक क्षेत्रों में देखने को मिल जाएंगे।