




– इटर्नल हॉस्पिटल में टीटीवीआर तकनीक से मरीज को मिल नया जीवन
जयपुर। अब तक हार्ट के एओर्टिक और माइट्रल वॉल्व को ही ट्रांसकैथेटर तकनीक से बदला जा सकता था लेकिन शहर के इटर्नल हॉस्पिटल जयपुर के डॉक्टर्स ने राजस्थान में पहली बार हार्ट का ट्राईकसपिड वॉल्व भी बिना सर्जरी के बदल दिया है। डॉक्टर्स का दावा है कि प्रदेश में पहली बार ट्रांसकैथेटर ट्राईकसपिड वाल्व रिप्लेसमेंट (टीटीवीआर) तकनीक से एक बेहद जटिल केस में सफलता हासिल की है। यह प्रोसीजर एक 57 वर्षीय मरीज पर की गई,जिसकी दो बार ओपन हार्ट सर्जरी हो चुकी थी और तीसरी बार सर्जरी का खतरा अत्यधिक था।
1985 और 2017 में हो चुकी थी ओपन हार्ट सर्जरी –
हॉस्पिटल के सीनियर स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज एक्सपर्ट डॉ.प्रेम रतन डेगावत ने बताया कि नागौर जिले के जयाल निवासी संजय (परिवर्तित नाम) की वर्ष 1985 और 2017 में दो बार ओपन हार्ट सर्जरी हो चुकी थी,जिसमें दूसरी बार ट्राईकसपिड वाल्व रिप्लेसमेंट के दौरान भारी रक्तस्राव हुआ था। पिछले तीन महीनों से सांस लेने में तकलीफ,पैरों में सूजन,पेट में पानी भरना और फेफड़ों में तरल जमाव जैसी समस्याएं परेशान कर रही थीं। पारंपरिक ऑपरेशन एक जोखिम भरा विकल्प था,ऐसे में डॉ प्रेमरत्न ने अनुभवी हार्ट टीम के साथ अत्याधुनिक टीटीवीआर तकनीक को अपनाया,जिसमें बिना छाती खोले,कैथेटर के माध्यम से क्षतिग्रस्त ट्राईकसपिड वाल्व को बदला जाता है। करीब आधे घंटे के प्रोसीजर में उनका वॉल्व बदल दिया गया।
प्रोसीजर के तीन दिन बाद ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए मरीज –
इटर्नल हॉस्पिटल के सीनियर स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज एक्सपर्ट डॉ. प्रशांत द्विवेदी ने बताया कि प्रोसीजर के तीन दिन बाद ही मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया है। टीटीवीआर तकनीक सर्जरी की अपेक्षा कम जोखिम वाला प्रोसीजर है। इस तकनीक की मदद से मरीज की रिकवरी तेज होती है और लक्षणों में तुरंत सुधार आता है। इस प्रोसीजर को विश्व प्रसिद्ध इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.समीन के.शर्मा और सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ.अजीत बाना के मार्गदर्शन में किया गया और सीनियर कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ.नवनीत मेहता का विशेष सहयोग रहा। इटर्नल हॉस्पिटल की को- चेयरपर्सन मंजू शर्मा ने कहा कि अब तक जिन मरीजों को ऑपरेशन योग्य नहीं माना जाता था, उनके लिए टीटीवीआर एक नई उम्मीद है। वहीं सीईओ डॉ.प्राचीश प्रकाश ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान के हर नागरिक को वैश्विक स्तर की हृदय चिकित्सा सुविधाएं सुलभ हों।