



इतिहास विभाग और अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान का संयुक्त आयोजन
तहलका न्यूज,बीकानेर। डूँगर महाविद्यालय के इतिहास विभाग एवं अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में वंशावली लेखकों के सम्मान एवं वंशावली बही-पूजन हेतु संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचस्थ अतिथियों के स्वागत संबोधन से हुआ,जिसे इतिहास विभाग के डॉ.चंद्रशेखर कच्छावा ने प्रस्तुत किया।कार्यक्रम में वंशावली लेखन की परम्परा,उसका संरक्षण और वर्तमान समय में उसकी उपयोगिता को विस्तार से बताया गया। विशिष्ट अतिथि अमित जांगिड़ ने वंशावली की आवश्यकता और इस परम्परा को जीवित रखने के उपायों पर प्रकाश डाला।राजस्थान अभिलेखागार के निदेशक डॉ.नितिन गोयल ने वंशावली संरक्षण के तीन महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की—वंशावली की ऐतिहासिक उपयोगिता,पोथियों को वैज्ञानिक विधि से सुरक्षित रखने के उपाय तथा वंशावलियों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया व सरकार की अनुदान योजनाओं की जानकारी।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डूँगर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.राजेन्द्र पुरोहित ने वंशावली लेखन व पठन हेतु कार्यशालाओं के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया।अतिरिक्त शिक्षा निदेशक अशोक कुमार ने वंशावली को “संस्कृति की थाती” बताते हुए इसके ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे।कार्यक्रम में विशिष्ट वंश लेखक विजय रतन जागा,शंकर राव,श्रवण राव तथा टीकम चंद राव (नापासर) को “वंश-वल्लरी संरक्षण सम्मान” से सम्मानित किया गया।मंच संचालन संस्थान के प्रांत टोली सदस्य सुनील जागा एवं बीकानेर महानगर संयोजक नारायण ने किया। कार्यक्रम में जिला संयोजक पुखराज सहित कई गणमान्य अतिथि पाबूदान सिंह,सहायक निदेशक प्रो.पुष्पेंद्र सिंह शेखावत,एडवोकेट राजेन्द्र शिमला,संग्राम सिंह राठौड़,महेन्द्र कोठारी,दुर्गा शंकर हर्ष,अविनाश पाठक,अखिलानंद पाठक,कॉलेज के प्रोफेसरगण एवं मातृशक्ति की उपस्थिति रही।कार्यक्रम का समापन आचार्य सुखराम द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ किया गया।