तहलका न्यूज,बीकानेर। शहर में लगातार चोरी की घटनाएं बढ़ रही है। चोर तीन-चार महीने से एक के बाद एक चोरियां करते जा रहे हैं और पुलिस लकीर पीटने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही है। इससे शहरवासी परेशानी हैं और अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पिछले चार महीनों में शहर के अंदर 20 से अधिक जगहों पर चोरी की घटनाएं हो चुकी है। चोर अपना निशाना मंदिरों और दुकानों को बना रहे हैं। वहीं सूने मकानों में भी चोरी की घटना होना आम बात हो गई है। हालात यह है कि दुकान मकान के अलावा वाहन भी सुरक्षित नहीं है। मंजर यह है कि घर के आगे खड़ी गाडिय़ों को भी बड़ी आसानी से चोरी हो रही है। जिससे अब लोगों में भय का माहौल हो गया है। वे अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगे है।शहरवासियों ने मांग की है कि चोरों को पकड़कर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही रोजाना रात में सर्चिंग की कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि लगातार हो रही घटना को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को प्लानिंग करने की आवश्यकता है। चोरी से परेशान होकर विगत दिनों एक समाज के शिष्टमंडल ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर इस संबंध में पीड़ा जताई है। इसके बाद भी अब तक वारदातों पर अंकुश नहीं लग पाया है। ऐसा माना जा रहा है कि चोर गिरोह क्षेत्र में सक्रिय है।

शहर में नहीं थम रही बाइकों की चोरी
बता दें कि शहर में इन दिनों बाइक चोर सक्रिय हैं। पिछले कुछ दिनों के आ ंकड़ों पर गौर करें तो बाइक चोरी की वारदात में एकाएक इजाफा हुआ है। शहर का ऐसा कोई इलाका नहीं है,जहां से बाइक चोरी ना गई हो। भीड़भाड़ और मुख्य बाजार के इलाकों से तो बाइक नजर फेरते ही गायब हो रही हैं। वहीं पीबीएम अस्पताल व पोश एरिया भी महफूज नहीं है। शहर में बाइक चुराने वाले पुलिस की निष्क्रियता का ही फायदा उठा रहे है। बाइक चुराने के बाद चोर इन वाहनों को कहां खपा रहे हैं,यह जांच का विषय है। शहर से प्रतिदिन पांच-छह बाइक की चोरी हो रही है। जिसका प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पीडि़त इस थाने से उस थाने का चक्कर लगते हैं।

चोपहिया वाहन भी सुरक्षित नहीं
हालात यह है कि बाइक चोरी के साथ साथ चोपहिया वाहन भी अब सुरक्षित नहीं है। विगत 27 तारीख को सादुलगंज क्षेत्र से पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई के घर के आगे से थार गाड़ी चोर चुरा ले गये। चोरी की इस वारदात के तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। पुलिस अब तक किसी प्रकार का कोई सुराग नहीं ढूढ पाई है। जिसके चलते अब लोगों में पुलिस के अपराधियों में डर,आमजन में विश्वास वाले स्लोगन का भरोसा भी उठने लगा है।

कमजोर गश्त,कैमरे पस्त
चोरी की ज्यादातर वारदातें रात को हुई हैं। लेकिन,दिन के उजाले में भी चोरों ने पुलिस को गच्चा दिया है। सूत्र बताते हैं कि घटनाओं के पीछे पुलिस की कमजोर गश्त जिम्मेदार है। जबकि चोरी की ऐसी कई वारदात हैं। जिनमें चोरों की शक्ल सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई है। बावजूद इसके पुलिस उनको खोज नहीं पाई। इनमें कइयों में पीडि़त पक्ष ने खुद ने कैमरों के फुटेज निकलवाकर पुलिस को सौंपे हैं।स्थानीय नागरिक गिरिराज पुरोहित ने कहा कि रात में शहर के अंदर वार्डो में गश्त की कार्रवाई की जाए तो चोरी की घटनाओं को रोका जा सक ता है।