तहलका न्यूज़,बीकानेर। वे व्यक्ति अमर रहेंगे जिन्होंने देश व समाज के उद्धार के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। ऐसे देशभक्तों की शृंखला में स्व. रामरतन कोचर का नाम अग्रिम पंक्ति में आता है। यह उद्गार पूर्व मंत्री डॉ.बीडी कल्ला ने 42वीं पुण्यतिथि पर नोखा रोड स्थित कोचर सर्किल पर आयोजित सद्भावना दिवस एवं रामरतन कोचर स्मृति पुरस्कार सम्मान समारोह में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. कल्ला ने कहा कि स्व. कोचर का देश व समाज के प्रति समर्पण जन-जन के लिए प्रेरणादायी है। सुभाषचन्द्र बोस की प्रेरणा को मानने वाले तथा गांधीजी के अनुयायी स्व. कोचर द्वारा बीकानेर में मलेरिया महामारी के समय जरुरतमंदों को दवाइयां देना तथा अनाज की आपूर्ति करवाने का भी सेवा कार्य किया गया। डॉ. कल्ला ने बताया कि स्व. रामरतन कोचर ने अकाल के समय राजस्थान रिलीफ सोसायटी का गठन कर किसानों व ग्रामीणों के लिए तन-मन-धन से कार्य किया तथा बीकानेर में वेटरनरी कॉलेज व मेडिकल कॉलेज की स्थापना में भाईजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यही कारण है कि वे जनमानस में आज भी लोकप्रिय हैं और भाईजी के नाम से जाने जाते हैं।
कार्यक्रम में रायसिंहनगर विधायक सोहन नायक का मुख्य आतिथ्य रहा। समारोह के मुख्य वक्ता राजस्थान विवि जयपुर के प्रोफेसर नन्दकिशोर पांडे ने कहा कि स्व. कोचर के विचार अब आदर्श बन गए हैं उनके द्वारा किए गए कार्य आज मिसाल बन गए हैं। स्व. रामरतन कोचर स्मारक समिति के संतोष जैन ने इस वर्ष सम्मानित होने वाले भिवानी के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. रमाकान्त शर्मा का परिचय उद्बोधन दिया। साहित्यकार डॉ. रमाकान्त शर्मा का 21000/- रुपए नगद राशि, शॉल, साफा, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र के साथ रामरतन कोचर स्मृति पुरस्कार से सम्मान किया गया। सुगन महनोत एवं काव्या कोचर ने मंचासीन अतिथियों का तिलक लगाकर स्वागत किया। इससे पूर्व धर्मचंद जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा मगन कोचर ने स्वागत गीत एवं प्रार्थना की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन सरोज कोचर, जितेन्द्र कोचर व सुमित कोचर ने किया। जैन महासभा अध्यक्ष विनोद बाफना, जयचंदलाल डागा, धनपत कोचर, चम्पकमल सुराना, इंद्रमल सुराना, कन्हैयालाल बोथरा, भगवतीप्रसाद पारीक, मेघराज बोथरा, रामनिवास गोदारा, हजारीमल देवड़ा, शिखरचंद सुराना, राजेश कोचर, मोतीलाल कोचर, मदन सिहाग, विनोद सामसुखा, नन्दराम गोदारा ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान बसंत नौलखा, सुरेन्द्र बद्धानी, निर्मल पारख, विजय बांठिया, बिशनाराम सियाग, यशपाल गहलोत, अरविन्द मिढ्ढा, चेतना डोटासरा, जेठमल सुराना, नरसिंग बिट्ठू, श्रीलाल व्यास, रमेश अग्रवाल, आशा स्वामी के सान्निध्य में सिलाई मशीन, ट्राई साइकिल व स्कूल डे्रसेज वितरित की गई।
इन्होंने अर्पित की श्रद्धांजलि
हाजी मकसूद अहमद, लक्ष्मण कड़वासरा, जयदयाल डूडी, कमरुदीन गुजर, गणेशमल बोथरा, सुंदरलाल कोचर, दिलीप बांठिया, कुणाल कोचर, सुरेन्द्र कोचर, कैलाश गहलोत, गगन सेठिया, रिद्धकरण सेठिया, चंद्रकुमार कोचर, शांतिलाल कोचर, अनिल झूमर सोनी, गिरिराज खैरीवाल, मिलन गहलोत, निरंजन सिंह राजपुरोहित, डॉ. संध्या सक्सेना, बि_ल बिस्सा, विकास सिरोहिया, योगेश गहलोत, महावीर सोनी, प्रताप रामपुरिया, रवि रामपुरिया, निर्मल पारख, हेम शर्मा, विजय सेठिया, सुमेरमल सेठिया, कमल बैद, सांवरमल गहलोत, इंद्रमल बच्छावत, नितिन वत्सस, राजू बैद, विनोद दस्साणी, इसरार हसन कादरी, ओम भाटी, माणक कोचर, सुनील कोचर, सुरेन्द्र बांठिया, कन्हैयालाल कल्ला, सुरेश पेड़ीवाल, सत्यनारायण डागा, श्याम तंवर, अब्दुल वाहिद, नवरतन डागा, गोपालराम कुकणा, दुर्गादत्त गहलोत, सुरेश बारुपाल, प्रवीण कोचर, कुलदीप बोथरा, अजय पुगलिया, सुमतिचंद बांठिया, सिद्धार्थ सुराणा, धर्मचंद बोथरा, अमित कोचर, मनोज चौधरी, एवन्त डागा, लक्ष्मण गहलोत, गोरधन मीणा, आशीष बांठिया, विकास पारख, कालूराम सियाग, रूपाराम गोदारा, मुखराम कूकणा, लालचंद मेघवाल, अजीत खजांची, बाबू खां, मदन सियाग, चाँद गुजर, मदन सियाग, बाबूलाल महात्मा, धीरज भाटी, अतुल पडि़हार, देवकिसन कस्वां, दीपक भाटी पाबूराम नायक, बलराम नायक, हीरालाल गोलछा, गुलाम मुस्तफा, बीरबल कोचर, जितेन्द्र कोचर, तरुण महनोत, मनोज सेठिया, राजकुमार सायच, डूंगरराम सांयच, भंवरलाल कोचर, इलियास, अवतार सिंह, कमल कोचर आदि ने पुष्पांजलि अर्पित की।