तहलका न्यूज,बीकानेर। हत्या के करीब नौ साल पुराने मामले में अदालत ने अभियुक्त को आजीवन कारावास और पच्चीस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अपर सत्र न्यायाधीश संख्या 3 के पीठासीन अधिकारी महावीर महावर की अदालत में जयसिंह के हत्या के मामले में आरोपी छतरगढ़ निवासी गुरमीत सिंह मजबी सिख को दोषी माना गया। उसे आजीवन कारावास सहित 25 हजार रुपए के अर्थदण्ड दण्डित किया हैं। आरोपी अगर अर्थदण्ड की राशि अदालत में जमा नहीं करवाता है तो उसे 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।प्रकरण के अनुसार परिवादी भंवरसिंह ने 22 जुलाई 2014 को बीछवाल थाने में रिपोर्ट दी की कि जयसिंह उसके चाचा का लडका भाई हैं जिसका कमल नायक निवासी उदासर दोस्त है। 22 जुलाई 2014 को दिन में भंवर सिंह तथा जयसिंह,विक्रम सिंह एवं सुरेन्द्र सिंह जोधपुर-गंगानगर बाईपास पर स्थित श्री सांई कृषि फार्म पर कमल के पास गए थे। उक्त कृषि फार्म हरीसिंह यादव का हैं। इसी कृषि फार्म के सामने हरीसिंह की कृषि भूमि हैं कमल नायक श्री साईं कृषि फार्म में मुनीम का काम करता हैं। करीब सायं साढ़े तीन से चार बजे परिवादी तथा जयसिंह विक्रम सिंह, सुरेन्द्र सिंह उक्त कृषि भूमि कमल से बात कर रहे थे। इसी दौरान वहां काम करने वाला आरोपी गुरमीत सिंह ने कमल से आकर कहा कि फार्म हाउस की फैंसिंग के रुपए दें। इस पर कमल ने कहा कि सेठ ने मुझे अभी रुपए नहीं दिये हैं। सेठ देगा तो रुपए दे दूंगा। इस बात से आरोपी नाराज होकर गाली गलौच करते हुए झगडा करने लगा। जयसिंह ने बीच-बचाव करते हुए आरोपी को समझाने की कोशिश की तब आरोपी गुस्से में आ गया और जयसिंह को कहने लगा कि तू साले बीच में पंचायती करने वाला कौन होता हैं। इतना कहकर आरोपी ने खेत पर पड़ा फावडा उठा लिया व कमल तथा जयसिंह की ओर फावडा लेकर दौड़ा और कहने लगा आज तुमको जान से मारे बिना नहीं छोडूंगा।उसी खेत में जयसिंह को आरोपी ने रोक लिया व धारधार फावडे की आरोपी ने जयसिंह के गर्दन पर चोटे मारी जिससे वह जमीन पर गिर गया। जयसिंह के जमीन पर गिरे हुए के आरोपी ने दो तीन चोटे गर्दन पर मारी । हमने शोर मचाया व जयसिंह की तरफ दौड़कर आए तब आरोपी फावडा लेकर भाग गया। जयसिंह के फावडे की गर्दन पर गंभीर चोटे लगने पर काफी खून बह गया। जिससे उसकी मौत हो गयी।अदालत में पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत मृतक जयसिंह के वारीसान को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मुआवजा देने की अनुसंशा की हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से 17 गवाहों के बयान अदालत में करवाये गये। राज्य की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक संपूर्णानंद व्यास ने की।