अंतर्राष्ट्रीय जादूगर आंचल के शो 25 अगस्त से बीकानेर में
तहलका न्यूज,बीकानेर। खेलने कूदने की उम्र से अपनी जादुई कला से देश ही नहीं पूरे विश्व में पहचान बना चुकी भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित, लिम्का बुक एवं द बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर जादूगर आंचल आगामी चालीस दिनों तक बीकानेर में अपने जादूई कला का जलवा बिखेरेगी। पत्रकारों से मुखातिब होते हुए आंचल कुमावत ने बताया कि जादू के शो का आगाज 25 अगस्त को सायं.7रू30 बजे श्री जैन पीजी कॉलेज के खेल मैदान में होने जा रहा है। 2 घंटे तक चलने वाले इस मनोरंजक शो में जादूगर आंचल लेकर आई है नए-नए हैरतअंगेज करतब जो बीकानेर वासियों को पहली बार देखने को मिलेंगे। उसने बताया कि सोमवार से शनिवार तक रोजाना 2 शो होंगे, पहला शो दिन में 4 बजे एवं दूसरा सायं. 7:30 बजे तथा रविवार को 3 शो होंगे – 1 बजे, 4 बजे और 7रू30 बजे। जादूगर आंचल का कहना है कि उनके शो में दर्शक न केवल जादू देखेंगे बल्कि जादू को महसूस भी करेंगे।
उद्घाटन अवसर पर ये होगें अतिथि
25 अगस्त को राम झरोखा कैलाश धाम के महामंडलेश्वर सरजू दास जी महाराज के पावन सानिध्य में होने वाले उद्घाटन समारोह में संभागीय आयुक्त उर्मिला राजोरिया,जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल,नोखा के विधायक बिहारी लाल बिश्नोई, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका,यातायात वृत्त अधिकारी अनिल कुमार प्रजापत,कुम्हार समाज बीपीएचओ के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट अशोक बोबरवाल,भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष रामनिवास गोदारा,जैन पाठशाला सभा के अध्यक्ष विजय कोचर,हिंदू जागरण मंच के प्रांत संयोजक जेठालाल व्यास, बीपीएचओ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किशन प्रजापत एवं कुम्हार समाज बीपीएचओ के जिलाध्यक्ष त्रिलोक चन्द गेधर सहित अनेक गणमान्य नागरिक शिरकत करेंगे।
स्थापित किये कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कीर्तिमान
युवा जादूगर आंचल 25 सालों में 17 राज्यों एवं 7 देशों में 13 हजार से ज्यादा स्टेज शो स्टेज शो देकर लाखों लोगों का स्वस्थ मनोरंजन करने वाली आंचल अब तक कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कीर्तिमान अपने नाम स्थापित कर चुकी है। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित लिम्का बुक एवं द बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर, मूल रूप से शेखावाटी के बाजोर (सीकर) गांव की रहने वाले गिरधारी कुमावत की बेटी जादूगर आंचल कुमावत ने जादू के क्षेत्र में अपनी असाधारण उपलब्धियों से ना केवल राजस्थान का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है बल्कि जादू के क्षेत्र में अनेक विश्व कीर्तिमान भी अपने नाम किए हैं।23 दिसंबर 1997 को अपने स्कूल के वार्षिकोत्सव में पौने पांच साल की नन्हीं उम्र में अपना पहला शो देते समय कभी कल्पना भी नहीं की थी कि भविष्य में विश्व स्तर पर जादुई दुनिया का एक जाना माना नाम बन जाएगा। वैसे तो आंचल की हजारों उपलब्धियों का जिक्र करना अभी सम्भव नहीं है, मगर 25 वर्षों की इस लम्बी जादुई यात्रा में कुछ प्रमुख सम्मान जो आंचल के जीवन में बड़ा महत्व रखतें हैं वे हैं 11 वर्ष की उम्र में जादू कला की असाधारण उपलब्धियों के लिए भारत सरकार ने 2004 में ष्राष्ट्रीय बाल पुरस्कारष् देकर सम्मानित किया, 2006 में दुनिया भर की असाधारण प्रतिभाओं के लिए आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय शिविर में भारत का प्रतिनिधित्व करने हेतु आंचल को केन्द्रीय सरकार ने मंगोलिया भेजा, 2012 में दक्षिण भारत के 2 टीवी शो ष्अधूर्ष-2″ एवं सुपर-2″ की विनर बनकर 10 लाख रुपए का नकद पुरस्कार तथा चैम्पियन ऑफ चैम्पियंस का खिताब अपने जादू आंचल कुमावत ने अपने नाम किया, 2014 में हरिद्वार में हजारों लोगों की उपस्थिति में किए गए सफल फायर स्केप एक्ट को 2016 की लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान मिला।