तहलका न्यूज,बीकानेर। अपने दो दिवसीय दौरे पर बीकानेर पहुंचे नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में स्थानीय निकायों की ओर से बांटे गये पट्टों में धांधली का आरोप लगाते हुए करीब तेरह लाख करोड़ रूपये डकार लेने का की बात कही है। हालांकि इसमें बीकानेर नगर निगम को पाक साफ बताते हुए कांग्रेस सरकार द्वारा अधिकार छिनने की बात भी कही है। खर्रा ने आज भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में ये आरोप जड़े। खर्रा ने कहा कि पट्‌टा वितरण कार्यक्रम में तेरह लाख पट्‌टे जारी हुए। इस अभियान के दौरान सरकारी खजाने में सात हजार करोड़ रुपए का राजस्व सरकार को मिला। मेरा अनुमान है कि आम जन की जेब से लगभग तेरह-साढ़े तेरह लाख करोड़ रुपए की राशि निकली। इस पर जब उन्हें पूछा गया कि जब राजस्व सात हजार करोड़ ही आया तो शेष राशि कहां गई? इस पर खर्रा ने कहा कि बाकी जेब में। उन्होंने दावा कि बीकानेर में अभियान के दौरान जिसने भी पट्‌टा लिया,उसे ईमानदारी से पूछ लें कि पांच सौ एक रुपए में पट्‌टा मिला या फिर इससे ज्यादा में। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से जांच कराने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि श्रीडूंगरगढ़ में ही अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चार सौ वर्ग गज से अधिक जमीन का जो पट्‌टा जारी हुआ है,उनका नाम,पट्‌टा जारी होने की तारीख,पट्‌टा कितनी भूमि का जारी हुआ है,कितने रुपए जमा हुए हैं? इसकी जांच क रके तीन दिन में रिपोर्ट करें। हालांकि मंत्री इस पूरे मामले में सीधे-सीधे जांच कराने के सवाल को टाल गए। मंत्री ने कहा कि नगर विकास न्यास के प्राधिकरण का नोटिफिकेशन जल्द ही जारी होगा। साथ ही उन्होंने सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया जल्द निपटाने की बात भी कही।

निगम चुनाव का समय तय नहीं,पर पंच-सरपंच चुनाव बैलेट से
खर्रा से जब स्थानीय निकायों के चुनाव कब करवाने पर सवाल किया गया तो उस पर वन स्टेट वन इलेक्शन का हवाला देते हुए चुनाव के समय को लेकर स्पष्ट जबाब नहीं दिया। लेकिन यह जरूर कहा कि सरपंच और पंच के चुनाव इस बार भी बैलेट पेपर के माध्यम से ही होंगे। उन्होंने कहा कि नगर निगम,नगर परिषद्,पंचायत समिति,जिला परिषद्,ग्राम पंचायतों के चुनाव एक साथ ही होंगे। इस दौरान ईवीएम की कमी नहीं आएगी। चुनाव आयोग से इस बारे में चर्चा हो रही है। एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि अभी ये तय नहीं है कि मेयर या सभापति के चुनाव सीधे तौर पर होंगे या फिर पार्षदों के माध्यम से चुने जाएंगे। दोनों ही स्थितियों में आशंकाएं कायम है। ऐसे में जल्द ही उच्च स्तरीय चर्चा के बाद इस पर निर्णय किया जाएगा।

निर्णय में परिवर्तन टाइपिंग त्रुटि
स्थानीय निकायों में मनोनयन आदेश वापस लेने का कारण टाइपिंग मिस्टेक था। हमने जो नाम तय किए थे, उसमें निकायों के नाम गलत टाइप हो गए थे। इसलिए आदेश वापस लेने पड़े। संशोधन आदेश निकलने से पहले चुनाव आचार संहिता लागू हो गई।

प्रिंसिपल ट्रांसफर मामले में की जाएगी छानबीन
शिक्षा विभाग में चालीस प्रिंसिपल के ट्रांसफर करने और बाद में इन आदेशों को वापस लेने के मुद्दे पर कहा कि इस बारे में मुझे आज ही जानकारी मिली है। इसमें कुछ गलत हुआ है तो इसकी छानबीन होगी और दोषी पर कार्रवाई भी की जाएगी