तहलका न्यूज,बीकानेर। आमतौर पर अपनी लेट लतीफी अंदाज में कार्यक्रम में पहुंचने वाले विधायक जेठानंद व्यास के सब्र का बांध आखिरकार टूट गया। जिसके चलते जिला कलक्टर कार्यालय के सामने आयोजित न केवल सरकार के दो साल के कार्यक्रम से वंचित हुए बल्कि कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में कुर्सी नहीं मिलने से मुंह फुलाएं दिखे। इतना ही नहीं पत्रकारों द्वारा सवालों से उखड़कर सामने उलहाना देते नजर आएं। जिसका विडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और विपक्ष दल के लोगों के साथ आमजन भी चटकारे लगाते अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे है। विधायक जेठानंद के इस व्यवहार ने राजनीतिक गलियारों में सर्दी में ओर गर्म कर दिया है। अब विपक्षी जहां सरकार के दो साल पूरा होने पर अपनों को ही सम्मान नहीं देने की बात कर रहे है तो व्यास के विरोधी भी दबी जुबां में विधायक के व्यवहार को इसका प्रमुख कारण बता रहे है। हालांकि इसको लेकर विधायक के विरोधियों ने किसी प्रकार का सार्वजनिक बयान तो नहीं दिया है। पर आपसी खुशफुसर में उनके व्यवहार की ओर इशारा जरूर किया है। बताया जा रहा है कि

सीट नहीं मिलने से उखड़े
प्रदेश की भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने सुबह ग्यारह बजे मीडियाकर्मियों से मिलने के लिए प्रेस वार्ता रखी थी। तय समय से बीकानेर पश्चिम के विधायक लेट पहुंचे थे। तब तक प्रेस से बातचीत शुरू हो गई। प्रभारी मंत्री के पास एक तरफ बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी बैठ गई,जबकि दूसरी तरफ जिला कलेक्टर नमृता वृष्णि बैठ गई। विधायक के आने के बाद भी उन्हें सीट नहीं दी गई। इस पर वो प्रभारी मंत्री के पीछे जाकर खड़े हो गए। बाद में उन्हें बैठने के लिए इशारा किया गया लेकिन वो नहीं गए।ऐसे में नाराज विधायक पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में खड़े ही रहे। इस बीच उन्हें जिला कलक्टर,बीकानेर पूर्व की विधायक और ओबीसी मोर्च के प्रदेशाध्यक्ष ने कुर्सी ऑफर की पर वे अपनी जिद्द पर अड़े रहे और नहीं बैठे। कोढ़ में खाज का काम तब हो गया। जब एक पत्रकार ने प्रभारी मंत्री को शहर में विधायक नहीं घूमने का सवाल कर दिया। जिस पर अपने दुव्र्यहार की खींस पत्रकार पर निकालते हुए व्यास ने कहा कि पत्रकार होने का ये मतलब नहीं कि चाहे जैसे बोलोगे। बात यहीं खत्म नहीं हुई वे लगातार बोलते रहे कि आप गलत कह रहे हो, आप गलत मत बोलो यहां,हर वार्ड में घूम रहा हूं मैं..आप मेरे साथ चलो शहर के अंदर,कितने काम चल रहे हैं,ये मत कहो आप।

प्रशासन की गलती,मंत्री से नाराज नहीं
बाद में पत्रकारों से विधायक ने कहा कि मेरा मंत्री से विरोध नहीं है। प्रशासन की गलती है। प्रभारी मंत्री को बता दिया गया है,वो प्रशासन से बात की जाएगी। इस कार्यक्रम को जल्दबाजी में काम किया है। जो समय बताया गया,उससे पहले कार्यक्रम करना गलत है। मुझे जहां गलत लगेगा,वहां मैं बोलूंगा।

इससे पहले सीएमएचओ से भी नाराज
इससे पहले गंगाशहर के एक अस्पताल में विधायक के पहुंचने से पहले ही उद्घाटन कर दिया गया था। उद्घाटन पट्टिका में भी विधायक का नाम नहीं दिया गया। इससे नाराज होकर विधायक वहां से निकल गए। इस बार विधायक ने जिला कलेक्टर से अपनी नाराजगी जताई।

सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग
विधायक के साथ इस प्रकार के लगातार हो रहे घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर जंग छिड गई है। जहां अधिकांश प्रशासन को इसके लिये दोषी मान रहा है तो कोई केन्द्रीय मंत्री के इशारों पर प्रशासनिक अमला काम करने की बात कर रहा है। इतना ही नहीं कई जनों ने तो विधायक को फालतू कपड़ो से बाहर आने,तो कोई टारगेट करने की बात कर रहा है।