2011 में शुभ मुखर्जी ने अपनी पहली हिंदी निर्देशित फ़िल्म ‘शक्ल पे मत जा’ रिलीज़ की थी, जिसमें दिग्गज अभिनेता सौरभ शुक्ला और रघुबीर यादव नज़र आए थे। उसके बाद, उन्होंने विज्ञापन और डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म निर्माण की ओर रुख कर लिया था और बड़े ब्रांडों के लिए कई प्रशंसित प्रोजेक्ट बनाए। अब,13 साल बाद, वह एक सच्ची कहानी पर आधारित दमदार फ़िल्म ‘कहवा’ के साथ काल्पनिक कहानी कहने की ओर रुख कर रहे हैं। यह फ़िल्म अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों में घूम रही है, जिसे दर्शकों से खूब प्रशंसा मिल रही है।हाल ही में, इसे रोम प्रिज्मा फ़िल्म अवार्ड्स में दिखाया गया, जहाँ यह फ़ाइनलिस्ट में से एक थे ।
डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण के दौरान शुभ ने सोमालिया की सीमाओं और कश्मीर में राजनीतिक अशांति जैसी कई संकटग्रस्त जगहों का प्रत्यक्ष अनुभव किया। ‘कहवा’ कश्मीर में आतंकवादी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद की सच्ची कहानी दर्शाती है। इस घटना के कारण राज्य में सबसे लंबे समय तक कर्फ्यू लगा रहा था। इस फिल्म में अभिनेता गुंजन उतरेजा और बशीर लोन अहम् भूमिका में नज़र आ रहे हैं, और दिलचस्प बात यह है कि शुभ ने उस स्थिति का प्रत्यक्ष अनुभव किया था, क्योंकि वह उस दौरान कश्मीर में ही थे। यह फिल्म लॉस एंजिल्स, इस्तांबुल, लंदन, चेन्नई में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिल्म समारोहों में पहले ही प्रदर्शित हो चुकी है और इस साल मई में इसे कान्स में भी प्रदर्शित किया गया था।
एक दशक से अधिक समय के बाद काल्पनिक फिल्मों में वापसी को लेकर शुभ थोड़े नर्वस हैं, लेकिन अपनी फिल्म को लेकर वह आश्वस्त हैं। फिल्म को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान ने उनके विश्वास को और मजबूत कर दिया है। इस बारे में उन्होंने कहा, ”इस फिल्म को बनाना काफी चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि यह बहुत ही सेंसेटिव सब्जेक्ट से संबंधित है। फिल्म की शूटिंग कश्मीर में हुई है और आज हर राज्य में शूटिंग करना आसान हो गया है, लेकिन जिस तरह के विषय पर हम काम कर रहे थे, उसमें यह थोड़ा मुश्किल था। यह एक इंडिपेंडेंट फिल्म है और हमारे पास इसका समर्थन करने वाला कोई बड़ा निर्माता नहीं है। फिर भी, हम सब जोखिम उठाने के लिए तैयार थे और सभी महाद्वीपों में इसे जिस तरह का प्यार और प्रशंसा मिली है, उससे हमारी फिल्म में हमारा आत्मविश्वास और अधिक बढ़ा दिया है।” उन्होंने आगे कहा कि कहवा का ट्रेलर इसी महीने भारतीय दर्शकों के लिए जारी किया जाएगा।