तहलका न्यूज,बीकानेर।कुल्हाड़ी से अपनी सास की हत्या करने के एक मामले में अपर सेशन न्यायाधीश संख्या पांच ने आरोपी दामाद को दस साल की सजा सुनाई है। खास बात ये है कि अदालत ने अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में तो दोष मुक्त कर दिया लेकिन धारा 304 (2) में दस साल की सजा सुना दी।बजरंग धोरे के पास रहने वाले भैराराम ने पुलिस को रिपोर्ट दी थी कि 12 जनवरी 2019 को उसके दामाद करणाराम ने अपनी सास और भैराराम की पत्नी सुआ को कुल्हाड़ी के वार से घायल करके भाग गया। उसे पीबीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।मामले की सुनवाई के बाद अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-5 अनुभव सिडाना ने आरोपी शख्स को दस साल की सजा के साथ ही दस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदायगी नहीं करने पर आरोपी को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश भी दिए हैं। अपर लोक अभियोजक धर्मेन्द्र रंगा ने बताया कि वर्ष 2019 का ये प्रकरण बीछवाल थाना क्षेत्र के बजरंग धोरे के पास का है। प्रकरण के आरोपी करणाराम पुत्र हीराराम निवासी खारी चारणान के खिलाफ एफआईआर आइपीसी की धारा-302 के तहत दर्ज की गई थी। न्यायालय ने अभियुक्त करणाराम को आइपीसी धारा-302 में वर्णित कुछ विशिष्टियों के कुछ संयोग से छोटा अपराध कारित होने के कारण दोषमुक्त किया तथा कुछ विशिष्टियों के संयोग से आइपीसी धारा-304 खण्ड द्वितीय का अपराध साबित होने पर दोषसिद्ध करार दिया। अभियुक्त करणाराम पुत्र हीराराम को दस वर्ष के कठोर कारावास व दस हजार रुपए जुर्माना का दण्डादेश दिया। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में 15 गवाहों के बयान करवाए गए और 28 सबूत-दस्तावेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए। साथ ही न्यायालय ने पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत मृतक के वारिसान को क्षतिपूर्ति राशि दिलवाए जाने की अनुशंषा भी की है।