तहलका न्यूज,बीकानेर।माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एमईआईए) के जोधपुर चैप्टर तथा बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइन ओनर्स एसोसिएशन द्वारा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान् में ‘औद्योगिक खनिज और सिरेमिकः डाउनस्ट्रीम उद्योग और निवेश के अवसर’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 8 और 9 नवंबर को जयपुर-जोधपुर बाईपास स्थित रिद्धि सिद्धि रिसोर्ट में आयोजित किया जाएगा।एमईआईए के जोधपुर चैप्टर अध्यक्ष दीपक तंवर ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि बीकानेर संभाग मे खनिज के अपार भंडार हैं।संभाग में देश का नब्बे प्रतिशत जिप्सम और 70 प्रतिशत वाॅल क्ले का उत्पादन होता है।इतनी प्रचुर मात्रा में खनिज होने के बावजूद बीकानेर को इस सम्पदा का पूर्ण औद्योगिक लाभ नहीं मिल पा रहा है।उन्होने बताया कि गुजरात का मोरबी आज सिरेमिक उत्पादन का हब है,जबकि वह कच्चे माल के लिए बीकानेर पर निर्भर है।उन्होंने बताया कि कच्चे माल के बावजूद मूल्य संवर्धन तकनीक का उपयोग नहीं होने के कारण बीकानेर को वास्तविक औद्योगिक लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह लाभ बीकानेर को मिले, इसके लिए इस विषय के देशभर के विशेषज्ञ सम्मेलन को दौरान अपने अनुभव साझा करेंगे तथा मोरबी की तर्ज पर बीकानेर को सिरेमिक हब बनाने की दिशा में रोडमेप तैयार किया जाएगा।सभी प्रस्तावों को घोषणा पत्र के रूप में संकलित करते हुए राज्य सरकार को भेजे जाएंगे।बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइन ओनर्स एसोसिएशन के चेयरमैन राजेश चूरा ने बताया कि बीकानेर के सिरेमिक हब बनने पर प्रदेश की जीडीपी बढ़ाने में इसका बड़ा योगदान रहेगा।उन्होंने बताया कि दो दिवसीय सेमिनार में विभिन्न तकनीकी और रणनीतिक सत्रों का आयोजन होगा।इनमे मूल्य संवर्धन,मेक इन बीकानेर-सिरेमिक क्लस्टर में निवेश,सस्टेनेबल माइनिंग और ग्रीन फैक्टी तथा नीति और अनुसंधान जैसे सत्रों पर विभिन्न विशेषज्ञ बात रखेंगे।चूरा ने बताया कि सिरेमिक हब बनने से बीकानेर की सोलर इंडस्ट्री को भी बड़ा लाभ होगा तथा उपभोक्ताओं एवं उद्यमियों को और सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलेगी।उन्होंने बताया कि आयोजकों का प्रयास रहेगा कि सेमिनार के माध्यम जिले में सिरेमिक क्लस्टर और जिप्सम प्लांट तैयार करने की दिशा में ठोस निवेश हो तथा ऐसे उद्यमियों के साथ एमओयू किए जाएं,जो इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।सिरेमिक इंजीनियर कुंज बिहारी गुप्ता ने बताया कि जिले को सिरेमिक हब बनाने के लिए गैस पाइप लाइन की आवश्यकता है।उद्यमियों की यह मांग लम्बे समय से लंबित है। सिरेमिक उद्योग में पानी की अधिक खपत के मद्देनजर सरकार पर्याप्त पानी दिलाए अथवा ट्यूबवेल बनाने की अनुमति दे।उन्होंने बताया कि सेमिनार के दौरान उद्यमियों के समक्ष आने वाली ऐसी समस्त व्यावहारिक समस्याओं पर चर्चा करते हुए इनके समाधान के प्रयास किए जाएंगे।बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रो.सजीव कुमार ने बताया कि बीकानेर में भूगर्भ से निकलने वाले समस्त खनिजों की गुणवत्ता की जांच के लिए विश्वविद्यालय द्वारा स्तरीय लैब तैयार करवा ली गई है।अब यहां के उद्यमियों को इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।उन्होंने बताया कि बीकानेर को सिरेमिक हब बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा सतत कार्य किया जा रहा है।इस दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक ए.के.गुप्ता,एमईआईए के सचिव राकेश पुरोहित,खनि अभियंता एमपी पुरोहित,राकेश आचार्य सहित अनेक लोग मौजूद रहे।