देराजसर में शनिवार से पितृपक्ष पर आयोजित होगी श्रीमद् भागवत कथा
तहलका न्यूज,बीकानेर। हर पुरानी चीज निन्दनीय नहीं और नई वंदनीय नहीं। आज के समय में समाजशास्त्र,अर्थशास्त्र,राजनीति केवल शास्त्रों में ही रह गई है। ऐसे में भागवत को जीवन में उतारना चाहिए। क्योंकि भागवत पठन से सभी प्रकार के विषयों का ज्ञान हो जाता है। ये बात ब्रहऋषि आचार्य पूज्यपाद किरीट भाई ने शुक्रवार को गजनेर रोड स्थित श्रीराम मंदिर में प्रेसवार्ता के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत और वह भी पितृपक्ष में श्रवण करना केवल पितरों का उद्धार नहीं अपनी आत्मा के उद्धार के लिए भी है। ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्योंकि श्रीमदभागवत कथा समस्त ग्रंथों का सार है। किरीट भाई धर्म नगरी बीकानेर के श्री डूंगरगढ़ तहसील के गांव देराजसर में श्रीमती रेंवती देवी एवं स्वर्गीय श्री कालुराम सारस्वा की स्मृति में करवाई जा रही श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास के रूप में कथा का वाचन करेंगे। यह भागवत कथा सारस्वा परिवार की ओर से 6 सितम्बर से सनातन धर्मप्रेमियों के लिए श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।आयोजनकर्ता भागीरथ प्रसाद सारस्वा ने बताया कि शनिवार 6 सितम्बर को दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक कथा का वाचन किरीट भाई द्वारा किया जाएगा। इससे पहले शिव मंदिर,देराजसर से भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। यह कलश यात्रा सुबह 9 बजे गाजे-बाजों के साथ सैंकड़ो श्रद्धालु महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा द्वारा सनातन धर्म के जयकारों के साथ निकाली जाएगी जो कथा स्थल पर पहुंचकर विराम लेगी। आयोजनकर्ता प्रह्लादराय सारस्वा ने बताया कि कथा को लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।

यह रहेगा कार्यक्रम विवरण
आयोजन से जुड़े बजरंग लाल सारस्वा ने बताया कि शनिवार 6 सितम्बर को सुबह 9 बजे कलश यात्रा से आयोजन की शुरुआत होगी। तत्पश्चात श्रीमद् भागवत पोथी पूजन एवं श्री गणेश उत्सव का आयोजन किया जाएगा। 7 सितम्बर को गुरु पादुका पूजन, कपिल उपाख्यान, ध्रुव चरित्र,प्रहलाद चरित्र के बारे में विस्तृत व्याख्या कथा व्यास द्वारा की जाएगी। सोमवार 8 सितम्बर को श्रीवामन अवतार,श्रीराम जन्म,श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, 9 सितम्बर को भगवान की बाल लीलाएं,वृंदावन गमन,गोवर्धन पूजा,छप्पन भोग का आयोजन,10 सितम्बर को महारास लीला,मथुरा गमन, उद्धव गोपी संवाद और 11 सितम्बर को श्री कृष्ण रुक्मणि विवाह,सुदामा चरित्र,परीक्षित मोक्ष एवं 12 सितम्बर को हवन एवं पूर्णाहूति तथा गुरु कर कमल प्रसादी का आयोजन किया जाएगा।

कथा संयोजक को लेकर बनाई जम्बो टीम
आयोजन समिति से जुड़े सी ए मुकेश सारस्वा ने बताया कि भव्य कथा में श्रद्धालु महिलाएं व पुरुषों का प्रतिदिन आगमन होगा। इसे लेकर क था आयोजन की समिति बनाई गई है, जिन्हें विभागवार जिम्मेदारियां सौंपी गई है।

7 से 11 सितम्बर तक होगा नानीबाई रो मायरो का आयोजन
कथा स्थल पर ही प्रतिदिन 7 से 11 सितम्बर तक कथा व्यास कैलाशचंद्र सारस्वा यशोदानंदन द्वारा नानीबाई रो मायरो का संगीतमय वाचन किया जाएगा। यह रात्रि में आठ से दस बजे तक होगा।