




तहलका न्यूज,बीकानेर। प्रदेश में शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल,व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापकों के तबादले जल्द अनलॉक होंगे। शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारियों की सूची जारी होने के बाद तबादलों का इंतजार करने वाले शिक्षकों की उम्मीदों को अब और रफ्तार मिलने लग गई है। शिक्षक संगठनों की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले करने की मांग भी की जा रही है। क्योंकि प्रदेश में लगभग सात साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले भी नहीं हुए है। इधर,तबादला सूची चर्चाओं के बाद से ही विधायकों के यहां डिजायरों के लिए अब शिक्षकों को रोजाना मेला लगने लगा है।
छह महीने से तैयार हो रही सूची
शिक्षा विभाग में लगभग छह महीने से तबादला सूची जारी होने की चर्चाएं है। पहले शीतकालीन अवकाश के दौरान प्रिसिंपल,व्याख्याता,वरिष्ठ अध्यापकों की तबादला सूची जारी होने की संभावना थी। लेकिन बीच शैक्षणिक सत्र में तबादलों की छूट नहीं देने पर मामला अटक गया था।
2018 के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं
प्रदेश में वर्ष 2018 में भाजपा सरकार के कार्यकाल में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले हुए थे। इसके बाद कांग्रेस सरकार की ओर से तबादलों के लिए आवेदन लिए गए,लेकिन सूची जारी नहीं हो सकी। अब भाजपा सरकार आने के बाद शिक्षकों को उम्मीद है कि सरकार तबादलों का तोहफा देगी।
नीति या सिफारिश अभी संशय
प्रदेश में इस बार शिक्षा विभाग में तबादले नीति से होंगे या फिर वहीं पुराना सिफारिश का खेल चलेगा,इसको लेकर अभी संशय बना हुआ है। प्रदेश में कई बार तबादलों को लेकर नीति को लेकर कमेटी बनी लेकिन रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं हो सकी। सबसे पहले वर्ष 1994 में पूर्व शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनी। प्रारूप बना दिया, रिपोर्ट लागू नहीं हो सकी। फिर 1997-98 में नीति लाने की कवायद हुई। वर्ष 2005 में शिक्षकों के तबादलों में राहत देने के लिए दिशा-निर्देश जारी हुए। इसके बाद 2015 से 18 तक भी तबादलों के लिए मंत्री मण्डलीय समिति के साथ अन्य कमेटी बनाई। लेकिन प्रारूप लागू नहीं हो सका। पिछली सरकार में भी तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने 2020 में कमेटी बनाई। दिल्ली,पंजाब व आन्ध्रप्रदेश सहित कई राज्यों में अध्ययन करवाया। वर्ष 2021 में करीब 85 हजार शिक्षकों से आवेदन भी लिए। फिर तत्कालीन मंत्री बी.डी.कल्ला ने भी नीति को अंतिम रूप देने की बात कही,लेकिन चुनाव आ गए। अब भाजपा सरकार की ओर से तबादला नीति का 18 महीने से दावा किया जा रहा है।