तहलका न्यूज,बीकानेर। जिले के लिये आज का दिन वैज्ञानिक उपलब्धि के रूप में यादगार रहेगा। आज करणी नगर स्थित क्षेत्रीय विधि विज्ञान शाला में डीएनए जांच की सुविधा शुरू हो गई है। जिसका शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना व जिला पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सागर ने किया। इस मौके पर न्यायाधिपति सक्सेना ने कहा कि बीकानेर में डीएनए जांच सुविधा की शुरुआत को न्याय व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक कदम और अपराध नियंत्रण में वैज्ञानिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। विभाग के निदेशक डॉ.अजय शर्मा ने बताया कि लैब में अब तक बायोलॉजी,सेरोलॉजी,टॉक्सिकोलॉजी,फिजिक्स,ब्लास्टिक और कै मिस्ट्री से संबंधित जांच होती आ रही थी। बायोलॉजी डिविजन में अब डीएनए की जांच भी होने लगेगी। इसकी शुरूआत होने से हत्या,रेप,बर्न केस और पॉक्सो आदि के मामलों के लिए सैंपल अब जयपुर नहीं भेजने होंगे।

तीसरा शहर बना बीकानेर
जयपुर और उदयपुर के बाद बीकानेर राजस्थान का तीसरा ऐसा शहर बन गया है जहां डीएनए जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। प्रयोगशाला में करीब 5 करोड़ रुपए की हाईटेक मशीनें स्थापित की गई हैं और जांच संचालन के लिए विशेषज्ञ कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही अन्य जिलों से तकनीशियन भी बुलाए गए हैं।अब तक बीकानेर संभाग से हर महीने 25 से 30 सैंपल डीएनए जांच के लिए जयपुर या उदयपुर भेजे जाते थे,जिससे रिपोर्ट आने में 1 से 2 महीने का समय लग जाता था। जिसके चलते साक्ष्यों के अभाव में मुकदमों की गति प्रभावित होती थी। लेकिन अब स्थानीय स्तर पर जांच की सुविधा उपलब्ध होने से न सिर्फ समय की बचत होगी,बल्कि अपराधियों की पहचान और न्याय प्रक्रिया भी पहले से ज्यादा तेज और सटीक होगी।पुलिस जांच में गति लाने और पीडि़तों को शीघ्र न्याय दिलाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

डीएनए में होंगी ये जांचें
अपराध की प्रकृति-अपराध जांच में हत्या,सामूहिक बलात्कार सहित बलात्कार, नवजात की अदला-बदली,विवादित पितृत्व,बम विस्फोट,आत ंकवादी हमले,मानव तस्करी आदि के मामले में व्यक्ति की पहचान शामिल है।

क्या है डीएनए जांच और क्यों है जरूरी
डिऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड जांच किसी व्यक्ति की आनुवंशिक पहचान तय करने का वैज्ञानिक तरीका है। यह जांच आपराधिक मामलों में अपराधी की पहचान,पैतृत्व की पुष्टि,वंशावली और आनुवंशिक बीमारियों की पहचान के लिए इस्तेमाल होती है। यह परीक्षण किसी व्यक्ति की आनुवंशिकक संरचना में परिवर्तनों की पहचान कर सकता है,जो किसी आनुवंशिक बीमारी के जोखिम या किसी व्यक्ति की वंशावली के बारे में जानकारी प्रदान करता है।