तहलका न्यूज,बीकानेर। बीकानेर मे सेवा कार्यो का एक अनूठा आयोजन लगभग 1000 बच्चों का पंाच दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण डागा पैलेस मे शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण शिविर का शुभांरभ वीर पुष्प जैन, लोकेश कावडिय़ा,वीर वीजय सिंह डागा, शिवरतन अग्रवाल फन्ना बाबू,नोखा के शिवरतन सोनी,रमेश लाम्बा,सतीश नागरे, आशोक मोदी,हंसराज डागा,उतम चंद सेठिया,लालचन्द भूरा,मीसो बीकानेर के सचिव ओम बिहाणी महिला विंग की पूजा मोहता ने भगवान गणेश व महावीर के चित्र के आगे दीप प्रज्जवलन कर किया।
जीना है तो पूरा जीना,मरना है तो पूरा मरना और अभी शोक है जीवन में तो आधा मरना आधा जीना के तेजस्वी विचार के साथ अपना उ्दबोधन देते हुए मीसो के अंतर्राष्ट्ररीय अध्यक्ष वीर पुष्प जैन ने उपस्थित दानदाताओं,सहयोगियों,अतिथियों,प्रशिक्षकों और दिव्यांगों को सम्बोधित करते हुए विराट् आयोजन के लिए सहयोगियों का आभार प्रकट किया। उन्होनें कहा कि सौभाग्यशली नगरी है बीकानेर और सेवा सत्कार के वाहक है यहां के दानवीर भामाशाह। उन्होने दिव्यांगों के साथ हुए प्राकृतिक अन्याय की तरफ ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि हमे ऐसे कार्य करते रहना चाहिए जो हमारे पुण्य मे जुड़ते हो। मीसो के अंतर्राष्ट्ररीय सचिव लोकेश कावडिय़ा बच्चों ने कहा कि ये बच्चे जो आप देख रहे है लगन से काम कर रहे,मूक बधिर जरूर है लेकिन ये सुखी है क्योंकि यह पूरे देश विदेश मे एक ही भाषा ‘साइन लैंग्वेजÓ से एक दूसरे से संवाद कर सकते है और हम सबको हर थोड़ी दूरी पर भाषा का बदलाव देखना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह 23वां आयोजन है और इसमे साइलेंट गांव,छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बरगूजा, बक्सर क्षेत्र दंतेवाड़ा से आये। पूरे देश भर से बच्चे आये जिनको यहां स्वरोजगार प्रशिक्षण मिल जायेगा जिससे वो 15 हजार रूपये महीना कमा रहे है। बीकानेर के दानताताओ को आभार प्रकट किया।
बीकानेर मे इस आयोजन को करने के सूत्रधार भामाशाह विजय डागा ने अपने उद्बोधन में कहा की मूक बधिर बच्चों की स्वरोजगार निर्माण करने की सेवा अपने आप में पुण्य का काम है जो मेरे साथ बीकानेर वासियों को मिला है और भामाशाहों की नगरी बीकानेर के सेवा भावी लोगो ंके प्रयासों यह विराट् सेवा संकल्प पूरा हो रहा है।आयोजन के सह सचिव ने बताया कि संतोष बांठिया ने बताया कि मूक बधिर बच्चों के लिए आयोतिज पाँच दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण का विधिवत शुरूआत हुई। गोल्डन वल्र्ड रिकॉर्ड के डायरेक्टर डॉ मनीष विश्नोई ने भी शिरकत की।पॉंडीचेरी, पूना, गोवा,जयपुर,उदयपुर,जम्मू कश्मीर से प्रशिक्षक आयें है।
मीडिया प्रभारी राजकुमार गोस्वामी ने बताया कि आज 75 विविध विषयों मे से 50 से अधिक रोजगार स्क्लिस का कालांश लगाए गए जिसमें नेल आर्ट,कन्फेक्शनरी, टेक्स्चर मेकिंग,ऑर्गेनिक साबुन, कपड़े की माला, मशीन से दीये की बाती, मेंहदी, फिनाईल,बर्ड हाऊस निर्माण, पौधों की नर्सरी तैयार करना, कम्पयुटर कार्टेज रिफिलिंग, सहित ढेर सारे विधाओं का प्रशिक्षण शुरू हुआ। इस अवसर पर बच्चों को उत्साह देखते ही बना रहा था। देशर भर से आए मूक बधिर दिव्यांग का जोश एक अलग ही कहाना बयां कर रहा था। मूक बधिरता को लेकर ना कोई गम दिख रहा था ना ईश्वर से कोई शिकायत,बजाय इसके,इन बच्चों के साथ आऐं प्रशिक्षकों से बात करने पर बताया कि इन सीखने और काम को करने की स्पीड सामान्य लोगों से कई गुना अधिक होती है तथा सामने की भाव भंगिमाओं से ही ज्यादातर बात त्वरित गति से समझ लेते है।

दिव्यांग मेहमान करेंगें बीकानेर दर्शन
कल 1000 दिव्यांग, उनके साथ आये प्रशिक्षक, परिजन तथा आयोजन समिति के सभी लोग प्रात: साढ़े सात बजे तक होटल लक्ष्मी निवास में नाश्ता करेंगें उसके बाद बीकानेर दर्शन करने के लिए रवाना होगें। विधायक सिद्धी कुमारी के विशेष प्रयास से प्रात 9 बजे ही नि:शुल्क रूप से जूनागढ़ दर्शन, उष्ट्र तथा अश्व अनुसंधान केन्द्र के दर्शन, देशनोक मे करणी माता का दर्शन करने जायेंगें। इस दौरान देशनोक मे भामाशाह सुन्दरलाल दुग्गड़ की ओर से सभी को दिन का भोजन करवाया जायेगा। साढ़े छ: बजे पुन: एक प्रशिक्षण सेशन आयोजित करवाया जायेगा। प्रशिक्षण सेशन के बाद एक मनोरंजन पूर्ण संध्या का आयोजन होगा। बीकानेर में आये सभी मेहमानों के रहने के लिए की वातानूकूलित व्यवस्था आर्शीवाद भवन, हंशा गेस्ट, मोहनी पैलेस,डागा पैलेस, सम्पत पैलेस की ओर से की गई है।