तहलका न्यूज,बीकानेर। बीकानेर विकास प्राधिकरण की ओर से सादुलगंज की प्लाटों को फिर से नोटिस जारी किये गये है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि ये पट्टे निरस्त किये जा सकते है। बताया जा रहा है कि इन प्लाटो पर दुकान,मकान बने हुए है।

ये बताई गई है वजह
बीडीए सचिव के हस्ताक्षर से जारी नोटिस में बताया गया है कि पॉलिटे िक्नक कॉलेज मार्ग पर बने ये रिहायशी पट्टे दिसम्बर 2013 में जारी हुए है। जिसमें लगाएं गये दस्तावेजों को मिथ्या व पडयंत्री करार दिया गया है। यहीं नहीं यह भी आदेशित है कि जिन मालिकों ने ये पट्टे जारी करवाएं उन्होंने कच्ची बस्ती के नाम से पट्टे बनवाएं। जबकि बीडीए ने इसे कच्ची बस्ती नहीं माना। जिसके चलते यहां किसी प्रकार का नियमन का पट्टा विलेख क च्ची बस्ती के रूप में जारी नहीं हो सकता।

सात दिनों को दिया गया है समय
बीडीए आयुक्त अपर्णा गुप्ता ने जारी नोटिस धारा 52 में सभी 19 भूखंड धारकों को एक सप्ताह में अपने दस्तावेज पेश करने की हिदायत दी है। ऐसा न करने की स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

दारू दुकान को तोडऩे के आदेश
उधर विगत दिनों दारू की दुकान के पट्टे पर संदेह की स्थिति के तहत कार्रवाई की गई थी। जिसके उपरान्त दारू की दुकान को अब तोडऩे के आदेश भी जारी किये गये है।

मंत्री के दबाव की सुगबुगाहट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन प्रदेश के मंत्री व स्थानीय वार्ड के निवासी सुमित गोदारा के दबाव में बीडीए प्रशासन के काम करने की बात सामने आ रही है। लोगों का कहना है कि मंत्री ने इसको लेकर बीडीए आयुक्त पर दबाव बना रखा है। जिस वजह से 12 साल उपरान्त अब इस प्रकार की कार्रवाई की जा रही है। जबकि नोटिसधारी भूखंड मालिकों के करोड़ों रूपये के बैंक लोन भी चल रहे है।

पूर्व पार्षद ने दी चेतावनी
वहीं पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई ने बीडीए की ओर से दिए गये नोटिस को गलत बताते हुए सड़क से न्यायालय तक लड़ाई लडऩे की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय बाद करोड़ों रूपये लगाकर आसियाना बनाने वालों के अब मकान व दुकान तोड़ा न्यायसंगत नहीं है। इसको लेकर बीडीए प्रशासन को कोई ओर समाधान निकालना चाहिए।