




जयपुर। जयपुर में पुलिसकर्मियों ने ही राजस्थान पुलिस की किरकिरी करा दी। स्पेशल टीम के सिपाहियों ने दो सट्टेबाजों को पकड़ा था। केस दर्ज नहीं करने और मामला रफा दफा करने के लिए डरा धमका कर 25 लाख रुपए वसूल लिए। स्पेशल टीम के ही एक अन्य सिपाही ने इस घटना की शिकायत उच्च अधिकारियों को कर दी। फिर क्या था। मामला पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा तो उन्होंने डीसीपी को जांच के निर्देश दिए।वसूली के आरोप सही पाए जाने के बाद पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस कमिश्नर ने तत्काल एक्शन लेते हुए तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया जबकि एक एएसआई और एक हैड कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया।
तीनों पुलिसकर्मी फरार, तलाश जारी
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने मामले की जांच एडिशनल कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप को सौंपी। जांच में पाया गया कि तीन पुलिस कांस्टेबलों ने इस हरकत को अंजाम दिया था। हैड कांस्टेबल और एएसआई की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। ऐसे में पांचों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। जैसे ही मुकदमा दर्ज हुआ, वैसे ही तीनों पुलिसकर्मी फरार हो गए। पुलिस ही इन आरोपी पुलिसकर्मियों की तलाश कर रही है। निलंबित किए गए इन पुलिसकर्मियों के नाम राजेश चौधरी, बुद्धाराम जाट और ओमप्रकाश मीणा है। हैड कांस्टेबल हरिओम और एएसआई नेनूलाल पर भी वसूली के आरोप लगे हैं।
देर रात को पकड़ा और छोडऩे की डील कर ली
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम को डीएसटी साउथ की टीम को सटोरियों के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद कांस्टेबल राजेश चौधरी,बुद्धाराम जाट और ओम प्रकाश मीणा ने शिवदासपुरा थाना क्षेत्र के एक अपार्टमेंट में दबिश देकर दो सटोरियों को पकड़ लिया था। वहां बड़े स्तर पर सट्टा लगाया जा रहा था। बिना कार्रवाई किए छोडऩे की एवज में पुलिसकर्मियों ने सटोरियों से 50 लाख रुपए मांगे। बाद में 25 लाख रुपए में डील तय हो गई। सटोरिये ने अपने एक परिचित के जरिए नकद रुपयों का इंतजाम कराया जिसके बाद कांस्टेबल ने अपने परिचित को भेजकर 25 लाख रुपए प्राप्त कर लिए थे।
छोडऩे से पहले लीक हो गया मामला
25 लाख रुपए लेकर सटोरियों को छोडऩे से पहले ही यह मामला लीक हो गया। साउथ जिले की स्पेशल टीम के ही एक अन्य पुलिसकर्मी ने इस मामले की सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी। इसके बाद पुलिस अधिकारी तुरंत हरकत में आए। उच्च अधिकारियों ने एक इंस्पेक्टर को मौके पर भेज दिया। इसके बाद सटोरियों और पुलिसकर्मियों में विवाद हो गया। इंस्पेक्टर ने सटोरियों को गिरफ्तार करने की तैयारी की तो उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी नहीं हो सकती क्योंकि उन्होंने पुलिस को 25 लाख रुपए नकद दिए हैं। इसके बाद विवाद बढ गया और पूरे प्रकरण की पोल खुल गई। पुलिस की ओर से ही रुपए लेने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। जैसे ही मामला ओपन हुआ, वैसे ही तीनों पुलिसकर्मी फरार हो गए जिनकी तलाश की जा रही है।