




तहलका न्यूज,बीकानेर। एक ओर तो राजस्थान राज्य अभिलेखागार विभाग की ओर से सभी पुराने दस्तावेजों को डिजिटलाइज का दावा किया जा रहा है और अपने घर के पुराने पट्टों,भूमि के दस्तावेज सहित अन्य जानकारी मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने की बात की जा रही है। लेकिन उसका लाभ आमजन को नहीं मिल रहा है। जिसके कारण यहां आने वाले आवेदक का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि अभिलेखागार परिसर में आवेदक को अपने संबंधित मूल दस्तावेजों को नि:शुल्क देखने के लिये दो कियोस्कों की व्यवस्था कर रखी है। परन्तु इन दोनों ही कियोस्कों पर आवेदक या आमजन मूल दस्तावेज नहीं देख पा रहे है। जब हमारे सवाददाता ने लोगों की शिकायत के बाद यहां का जायजा किया तो पाया कि लंबे समय से मूल दस्तावेजों को देखने की यह सुविधा दुविधा बनी हुई है। जिसके चलते आमजन को खासी दिक्कतें आ रही है। जब लोगों ने इसकी शिकायत यहां के अधिकारियों से की तो उन्होंने तकनीकी खामी का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया।
पिछले एक साल से बंद पड़ी है विभागीय वेबसाइट
मजे की बात तो यह है कि अभिलेखों व दस्तावेजों को डिजिटलाइज करने वाली राजस्थान राज्य अभिलेखागार की विभागीय साइट पिछले एक साल से बंद पड़ी है। बताया जा रहा है कि मेन्टीनेश के नाम पर इसका संचालन प्रभावित हुआ है। इसके बंद होने से अहम दस्तावेजों को ऑनलाइन देखना भी लोगों के मुश्किल हो रहा है। इतना ही नहीं डिजिटाइजेशन का काम बंद होने के कारण करीब तीन दर्जन युवा भी बेरोजगार हो गये।
निदेशक विदेशी दौरे पर,उठ रहे सवाल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभिलेखागार के निदेशक डॉ नितिन गोयल विदेशी दौरे पर गये हुए है। इनके दौरे को लेकर भी सवालिया निशान उठ रहे है। पता चला है कि बिना अनुमति के गोयल विदेश गये है। जिनकी जानकारी सरकार व विभाग तक को नहीं है। ऐसे में उनकी इस यात्रा को लेकर तरह तरह के कयास लगाएं जा रहे है। फिलहाल इस बारे में अधिक ारिक रूप से पूछने पर भी कोई अधीनस्थ अधिकारी जबाब देने को तैयार नहीं है।