तहलका न्यूज,बीकानेर। ड्यूटी के घंटे,कार्यालयी कार्यं से तनावग्रस्त एक रोडवेज कर्मी की आखिरकार हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। साथी कार्मिकों का आरोप है कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम प्रबंधन की लापरवाही के कारण परिचालक गजेसिंह की मौत हुई है। साथी कार्मिकों ने बताया कि गजेसिंह ने अपनी पुत्री की सगाई के लिये एक जून से आठ जून तक छुट्टी का प्रार्थना पत्र दिया था। लेकिन प्रबंधन ने उसकी एक सप्ताह की छुट्टी स्वीकृत करने की बजाय महज दो दिन की छुट्टी देने की बात कही। मृतक गजे सिंह ने प्रबंधन से आग्रह किया कि उसका गांव 400 किमी दूर है। ऐसे में दो दिनों में आना जाना संभव नहीं होगा। जिस पर प्रबंधन ने दो टूक अधिक छुट्टी से इंकार कर दिया। ऐसे में गजेसिंह गांव नहीं गया। पता चला कि 6 जून रात बस स्टेण्ड पर ही उसकी तबीयत बिगड़ गई। जिसे 108 के जरिये पीबीएम की बजाय सेटेलाइट अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर शव को पीबीएम मोर्चरी में भिजवा दिया। 7 जून को शाम तक न तो परिजनों व न साथी कर्मचारियों को उसकी मौत का पता चला। परिजनों का गजेसिंह से संपर्क न होने की स्थिति में उन्होंने साथी कार्मिकों से बातचीत की। खोज खबर पर मालूम चला की गजे सिंह की मौत हो गई और उसका शव पीबीएम अस्पताल में रखा गया है तो आज सुबह सभी साथी पीबीएम पहुंचे और शव को परिजनों के सुपुर्द किया। बता दे कि ड्यूटी के घंटे,कार्यालयी कार्यं सहित अनेक मांगों को लेकर ही रोडवेजकर्मी पिछले पांच दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे है। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आरोप है कि लगातार काम करने के तनाव ने गजेसिंह की जिन्दगी छीन ली।

15 रोडवेजकर्मी चल रहे है बीमार
रोडवेज कर्मियों का आक्रोश है कि 15 अन्य परिचालक भी बीमार पड़े हैं और वर्तमान में मेडिकल चिकित्सा अवकाश पर हैं। यूनियन का आरोप है कि अधिक ड्यूटी के कारण इन परिचालकों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। यूनियन ने मांग की है कि इन परिचालकों को उचित चिकि त्सा सुविधा और अवकाश प्रदान किया जाए। राजस्थान रोडवेज एम्पलाइज यूनियन एटक ने कल जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है,जिसमें परिचालक गजे सिंह यादव की मृत्यु के मामले में निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। कल सुबह 11 बजे यूनियन के पदाधिकारी और सदस्य जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचेंगे और ज्ञापन सौंपेंगे। इसके अलावा,मुख्य प्रबंधक का घेराव किया जाएगा।

निष्पक्ष जांच की मांग
अध्यक्ष हनुमंत मेहरा ने परिचालक गजे सिंह यादव की मृत्यु के लिए निगम प्रशासन की लापरवाही और शोषण जिम्मेदार है। यूनियन ने मांग की है कि इस मामले क ी निष्पक्ष जांच करवाई जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। हम तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है।अब्दुल रहमान कोहरी जिला महासचिव ने कहा, डबल इंजन सरकार पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है। मोदी सरकार और राजस्थान सरकार की नीतियाँ कर्मचारियों के हितों के विरुद्ध हैं। ये सरकारें कर्मचारियों का शोषण करने में लगी हुई हैं और उनके अधिकारों को छीनने का काम कर रही हैं। हम इन नीतियों का विरोध करते हैं और कर्मचारियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। यूनियन के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई है और न्याय की मांग की है। यूनियन का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

पांचवे दिन जारी रहा धरना
राजस्थान रोडवेज एम्पलाइज यूनियन एटक के बैनर तले आज पांचवें दिन भी धरना जारी रहा। धरना-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। जिनमें श्याम दीन भुट्टो क्षेत्रीय अध्यक्ष,रोशन अली शाखा अध्यक्ष, गिरधारीलाल लाल एसोसिएशन सचिव,गुलाब सिंह,किशन सिंह,मोहम्मद अब्बास,रुघाराम नाई,अब्दुल रहमान,जीवन शाह,किशनदान,रामुदान,चारण मोहन राम,घनश्याम सोनी,अमित पंड्या,राजेंद्र कुमार,रामेश्वर लाल,देवी लाल नाई  ,शार्दुल कुमार,डूंगरनाथ सिद्ध,भगवाना राम मडा,सुभाष बिश्नोई,राजेंद्र सिंह आदि प्रमुख सदस्य शामिल थे।