तहलका न्यूज,बीकानेर। प्रदेश की राजकीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के पुस्तकालयों के लिए समाज शिक्षा से जुडी किताबें खरीदने के लिए गठित की गई कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार कर शिक्षा निदेशालय की ओर से इस बार दिल्ली की एक प्रकाशक फर्म को ठेका दिया जा रहा है। हालांकि इसकी पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है मगर इस आशंका से घबराए देशभर के 300 प्रकाशकों ने बीकानेर शिक्षा निदेशालय के इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है। इसके लिए अखिल भारतीय हिन्दी प्रकाशक संघ ने तो बकायदा शिक्षा निदेशालय को आगाह भी कर दिया है कि यदि एक ही प्रकाशक फर्म से किताबें खरीद की जाएगी तो इसका विरोध किया जाएगा। बहरहाल, राजस्थान सहित देशभर के प्रकाशकों में रोष फैल गया है।

यह है मामला
दरअसल केंद्रीय क्रय योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कार्यालय उपनिदेशक समाज शिक्षा राजस्थान की ओर से इस चालू वित्तीय वर्ष में 45 लाख 76 हजार रूपए की किताबों की खरीद होनी है। इसके लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी 2025 निर्धारित की गई। बताया जा रहा है कि इसके लिए स्टेट लाइब्रेरी के पुस्तकालयाध्यक्षों सहित लेखाधिकारी व समाज शिक्षा के उपनिदेशक सहित दो लाइब्रेरियन को शामिल करते हुए एक कमेटी का गठन भी किया गया। कमेटी के यहां देशभर के 300 प्रकाशकों ने आवेदन किया मगर बताया जा रहा है कि अब शिक्षा निदेशालय ने कमेटी को अनसुना करते हुए दिल्ली की एक प्रकाशक फर्म की किताबों का ही चयन कर उन्हें खरीद का ऑर्डर देने की तैयारी की जा रही है जबकि पूर्व में जब भी किताबों की खरीद हुई तो देशभर के अलग अलग प्रकाशकों से अलग अलग संख्या में किताबों की खरीद की गई थी। इस बार इस नियमों को दरकिनार कर केवल एक ही प्रकाशक की किताबों का चयन किया जा रहा है।

प्रकाशक संघ ने दर्ज कराया विरोध
बताया जा रहा है कि जैसे ही देशभर के प्रकाशकों को यह ज्ञात हुआ कि इस बार शिक्षा निदेशालय केवल एक ही प्रकाशक से किताबें लेने जा रहा है तो अखिल भारतीय हिन्दी प्रकाशक संघ ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इस संगठन का दावा है कि शिक्षा निदेशालय दिल्ली की जिस प्रकाशक फर्म से किताबें ले रहा है वे केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में काम आने वाले विषयों की किताबें है जबकि नियमानुसार समाज शिक्षा से जुड़ी विविध विषयों व साहित्य की किताबों की खरीद होना जरूरी है। एक जानकारी के अनुसार समाज शिक्षा के उपनिदेशक की ओर से निकाली गई विज्ञप्ति में यह भी यह लिखा गया है कि जो किताबें खरीदी जाएगी उसमें नैतिक शिक्षा, समाज शास्त्र की शिक्षा, सामाजिक मूल्यों के उन्नयन में सहायक किताबें, देशभक्ति, तर्क शक्ति, मनोरंजन, कौशल विकास, सामान्य ज्ञान व सृजनात्मक क्षमता बढ़ाने वाली किताबों की खरीद की जाएगी जबकि अब जिस दिल्ली की फर्म की किताबों का चयन किया गया है वे विविध विषयोंं की किताबें ना होकर केवल प्रतियोगी परीक्षा से संबंधित मैटर की प्रकाशित किताबें ही खरीदने की तैयारी की जा रही है। इस आशंका से अन्य प्रकाशकों में हडकंप मच गया है तथा रोष भी फैल गया है।

इनका कहना है-

इस संबंध में हमने किताब खरीद चयन कमेटी के विमल शर्मा तथा संगीता पारीक सहित शिक्षा निदेशक आशीष मोदी से बातचीत करनी चाही मगर उनसे संपर्क नहीं हो पाया।