



तहलका न्यूज,बीकानेर। जस्सूसर गेट के बाहर कोठारी होस्पीटल के पीछे गोकूल धाम भवन में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह महोत्सव का शुभारम्भ सोमवार को मंगल कलश यात्रा के साथ हुआ। सुबह नौ बजे जस्सूसर गेट स्थित श्रीलक्ष्मीनाथ मंदिर से निकाली गई मंगल कलश यात्रा में सिर पर कलश रखकर सैकड़ों महिलाएं हरिनाम संकीर्तन के साथ कथा स्थल पहुंची। भव्य अंदाज में शुरू हुई कथा में श्रद्धालूजनों ने कथा वाचक परमहंस श्री 108 श्री डॉ. रामप्रसादजी महाराज का स्वागत अभिनंदन कर उनका आर्शिवाद लिया। प्रथम पूज्यश्री विनायकजी के वंदन से शुरू हुए कथा महोत्सव में भगवान श्रीहरि एवं श्रीमद्भागवत ग्रंथ की पूजा अर्चना की गई। कथा महोत्सव शुभारंभ करते हुए महाराजश्री ने भागवत महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भागवत कथा में चार वेद छह शास्त्र 18 पुराने का समावेश है। इसलिए भागवत कथा को कल्पवृक्ष बताया है। जिसके शरण में बैठने से कथा सुनने से जीव को परम शांति मिलती है। प्रभु की कथा जीवन की व्यथा को मिटाने का काम करती है। उन्होने कहा कलियुग में भागवत श्रवण ही सबसे सरल व श्रेष्ठ साधन है। इसके श्रवण से पापों का क्षय होता है और जीवन आनंद, शांति व भक्ति से परिपूर्ण हो जाता है। महाराजश्री ने अपने आर्शिवचनों में कहा कलियुग में जीव का कल्याण केवल भगवान की कथा, उनका नाम और भक्ति ही कलियुग में मोक्ष का सच्चा मार्ग है। उन्होने अपनी दिव्य वाणी में कहा कि हम अधिक सुविधा प्राप्त करने के बाद भी अशांति नहीं त्याग पाते हैं, हमारा मन विचलित रहता है दूसरों को देखकर,जब तक हम दूसरों की तरफ देखकर चलना पसंद करेंगे तब तक सुख नहीं आ सकता। हमें परिवर्तन लाना होगा। आयोजन से जुड़े अभिषेक सोनी और नंद किशोर सोनी ने बताया कि कथा में श्रद्धालूओं के लिये विशेष व्यवस्थाएं की गई है।