तहलका न्यूज,बीकानेर। पानी की टंकी पर बनाने के लिये भूमि पूजन करने गये विधायक जेठानंद व्यास को विरोध का सामना करना पड़ा। हालात यह रहा कि दर्शनार्थियों से तू-तू,मैं-मैं और धक्का मुक्की की नौबत आ गई। स्थिति यह रही कि महिलाओं से भी बदतमीजी का आरोप लगाया जा रहा है। जेठानंद के खिलाफ नारेबाजी का यह विडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है ओर विधायक की अभद्र भाषा को लेकर चर्चा ए आम हो गई है। लोग सोशल मीडिया पर लिखते नजर आएं कि विधायक अपने पद कि गरिमा के विपरित लोगों से व्यवहार कर रहे है। उनको ऐसा करने की बजाय लोगों से सद्व्यवहार करना चाहिए था।
विडियो में खुद उलझते दिख रहे है विधायक व उनके समर्थक
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे विडियो विधायक व उनके समर्थक विरोध दर्ज करवा रहे पुरूष व महिलाओं से उलझते दिखाई दे रहे है। इतना ही नहीं एक पुजारी को धक्का देने तथा महिला का हाथ हटाते भी विडियो में देखे जा सकते है। विरोध करने वाले टंकी न बनावाने की बात कर रहे थे। वहीं उनके समर्थक मुर्दाबाद नारों के बीच समर्थन में नारे लगा रहे थे। घटनाक्रम के अनुसार गोपेश्वर बस्ती मंदिर में पानी की टंकी स्वीकृत करने को लेकर यह विवाद हुआ था। मंदिर के पुजारी ट्रस्ट ने इसका विरोध करते हुए पानी की टंकी नहीं बनवाने की बात विधायक के सामने रखी थी। किन्तु विधायक ने सरकार की ओर से स्वीकृत करने की बात कहते हुए भूमि पूजन कर दिया। बात नहीं मानने पर प्रदर्शनकारियों ने ‘जेठानंद व्यास-मुर्दाबादÓ एकबारगी धक्कामुक्की भी हुई।ऐसे में मौके पर मौजूद व्यास समर्थक कार्यकर्ताओं, पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को किनारे किया। टंकी का विरोध करने वाले लोगों का कहना है, यह जमीन गोपेश्वर मंदिर की है। आए दिन सत्संग, भजन, आदि कार्यक्रम होते हैं। यहां टंकी नहीं बनाने देंगे। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने माप-जोख कर दस्तावेज के आधार पर बताया कि जमीन सरकारी है। निगम ने एनओसी दी है। फिलहाल इस मामले को लेकर विधायक के विरोधी व विपक्ष जमकर चटकारें ले रहा है।
अपने व्यवहार में संस्कार और आदर्श स्थापित करे विधायक – वत्सस
बीकानेर में एक शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे बीकानेर पश्चिम के विधायक श्री जेठानंद व्यास को किसी कार्य को ना करने की उलाहना देते वक्त विधायक द्वारा उक्त व्यक्ति से तेज आवाज में धमकाने वाले अंदाज में बात करने और उसके बाद व्यक्ति को धक्का देते वीडियो देखा उसके बाद एक बुजुर्ग महिला से भी उनके द्वारा अमर्यादित भाषा में बात करना कतई भी उचित नहीं ठहराया जा सकता और एक जनप्रतिनिधि को ऐसा व्यवहार शोभा नही देता
विधायक व्यास क्या ये भूल गए की वो किसी संस्था के अध्यक्ष नही एक चुने हुए जनप्रतिनिधि है और उनका कर्तव्य है की वे जनता की तकलीफों को सुने और उसका त्वरित निवारण करवाए आज का व्यवहार देखकर लगता है विधायक व्यास को अपने व्यवहार में संस्कार और आदर्श स्थापित करने चाहिए और जनता के प्रति जवाबदेह बनना सीखना चाहिए
विधायक व्यास के ऐसा गेर जिम्मेदाराना व्यवहार बर्दास्त नही करेगी कांग्रेस