तहलका न्यूज,बीकानेर। ना स्टोक एंट्री,ना बिल वेरिफाइड,न वित्तिय स्वीकृति और करोड़ो रूपये का भुगतान। सुनने में अजीब जरूर लगेगा। इतना ही नहीं जिन कार्यों के पेटे भुगतान हुआ है। उनकी प्रशासनिक स्वीकृ ति,कोटेशन और वर्क ऑर्डर तक की प्रक्रिया भी घालमेल की स्थिति में है। ऐसा कारनामा नगर विकास न्यास में सामने आया है। जहां मिली भगती से करोड़ों रूपये के घोटाले की आशंका से इंकार नहीं किया जा सक ता। अगर इसकी सही तरीके से जांच पड़ताल की जाएं तो करोड़ों रूपये के हेरफेर की पोल खुल सकती है। तहलका न्यूज के पास उपलब्ध कागजातों की जानकारी जुटाई गई तो सामने आया कि बिना स्टोर कीपर और स्टोर प्रभारी के लाखों रूपये बिलों को परिपूर्ण अन्य व्यय बिलों को आधार बनाकर पास कर दिया गया और संबंधित फर्मों के खातों में जमा करवा दिए गये। मजे की बात तो यह है कि इनमें मलबा हटवाने के कुछ बिलों पर अभियंता के प्रमाणिकरण हस्ताक्षर है तो कुछ पर नहीं। इतना ही नहीं अधिकांश बिलों को पेश करने की तारीख और महीनों में एक दो दिन का बदलाव ही देखने को मिल रहा है।आशंका ऐसी जताई जा रही है कि विभाग के अधिकारियों की शह पर अपनों को लाभ पहुंचाने के लिये इस प्रकार का कृत्य किया गया है।
इन कार्यों के पेटे हुआ है भुगतान
नगर विकास न्यास की ओर से पौधे लगवाने,लोहे के पोल लगवाने,विभिन्न पार्कों में साफ-सफाई,पेड़-पौधों में पानी के टैंकर से जल सप्लाई,विभिन्न पार्कों में मिट्टी डलवाने और समतलीकरण का कार्य,ईवीएम भंडार सेन्टर में अनेक कार्य,कन्सट्रेक्शन का सामान,नया होर्डिंग लगवाने,पाईप फिटिंग कार्य,टयृबवैल रिपेयर,राजनीतिक दलों के प्रचार बोर्ड हटवाने सहित अनेक ऐसे कार्य शामिल है। मंजर रह रहा कि इनमें से अधिकांश बिलों का भुगतान 95 हजार से 99 हजार तक का हुआ है।
कलक्टर साहिबा लेगी संज्ञान?
भ्रष्टाचारमुक्त शासन का नारा देने वाली भजन सरकार क्या इस प्रकरण की सघनता से जांच पड़ताल करेगी। या अन्य घोटालों की तरह यह भी भोलाराम के जीव की तरह फाइलों में ही दबकर रह जाएगी।