तहलका न्यूज,बीकानेर। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज मंगलवार को बीकानेर आए। उन्होंने डाइट सभागार में 19 से 21 सितंबर को होने वाली चतुर्थ श्रेणी की परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पेपर लीक,डमी अभ्यर्थियों और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से होने वाली चीटिंग को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए,ताकि परीक्षाएं निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सकें।आलोक राज ने कहा कि सभी परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों का बायोमैट्रिक और मेटल डिटेक्टर स्कैन अनिवार्य रूप से किया जाए। सीसीटीवी की उपलब्धता सुनिश्चित करने और प्रत्येक अभ्यर्थी से हस्तलिखित नमूना लेने के निर्देश दिए, ताकि डमी अभ्यर्थियों की पहचान आसानी से हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी परीक्षा केंद्र पर पेपर लीक या डमी अभ्यर्थी से संबंधित कोई संदिग्ध गतिविधि सामने आए तो तत्काल बोर्ड को सूचित किया जाए।पेपर बॉक्स की जांच और सील की सत्यता सुनिश्चित करने के साथ-साथ पेपर डिलीवरी के दौरान वीडियोग्राफी को अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा कि पेपर प्रिंटिंग और पेपर वितरण को पहले से ज्यादा बेहतर किया है। अब अंतिम क्षण तक ये पता नहीं चलेगा कि किसके पास कौनसा पेपर सेट पहुंचा है। सभी सेंटर्स को एक घंटे पहले बंद किया जा रहा है। शुरू से अंत तक हर चीज की वीडियोग्राफी होगी।साथ ही कहा कि पेपर लीक को लेकर बनाए गए नए कानूनों के बारे में भी सभी जानकारी होनी चाहिए। इसमें पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना और 10 साल से आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।बैठक में एडीएम सिटी रमेश देव,एडिशनल एसपी सौरभ तिवाड़ी,टीओ धीरज जोशी,डूंगर कॉलेज प्रिंसिपल डॉ राजेन्द्र पुरोहित,महारानी कॉलेज प्रिंसिपल डॉ नवदीप बैंस,एडीईओ शिव शंकर चौहान,प्रशासनिक अधिकारी संजय पुरोहित समेत विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों के प्रिंसिपल,ऑब्जर्वर्स,कंट्रोल रूम प्रभारी,लेखा विभाग के कार्मिक उपस्थित रहे।

टैबलेट्स पर होगी भर्ती परीक्षा
आलोक राज का कहना है कि राजस्थान में टैबलेट्स पर भर्ती परीक्षा होगी। इसके लिए आई आईटी कानपुर और आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर परीक्षण चल रहा है। जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि पहले 5 हजार,फिर 10 हजार विद्यार्थियों की परीक्षा टैबलेट्स पर लेना शुरू कर देंगे,जिसे बढ़ाते जाएंगे।उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा कराने के लिए हमें लाखों की संख्या में कम्प्यूटर की जरूरत है। वर्तमान में सिर्फ 20 हजार कम्प्यूटर उपलब्ध है। वो भी प्राइवेट कॉलेज और स्कूलों में मौजूद है। हालांकि टैबलेट आधारित परीक्षा करवाने के लिए शुरुआत में 10 से 15 हजार टैबलेट्स तैयार किए जाएंगे। फिर संख्या बढ़ाई जाएगी।

एग्जाम से पहले मेहंदी ना लगाएं
आलोक राज ने कहा कि लड़कियों को परीक्षा से पहले मेहंदी लगाने से बचना चाहिए। खासकर हाथों के पर पर मेहंदी नहीं लगानी चाहिए,क्योंकि बायोमेट्रिक में परेशानी होती है। इसके बाद भी कोई लगाकर आता है तो उसकी फेस स्केनिंग होगी। कि सी भी स्थिति में स्केनिंग तो होगी। बेहतर होगा कि महिला अभ्यार्थी इसमें सपोर्ट करें और अंगुलियों में वहां मेहंदी न लगाये, जहां से बायोमेट्रिक लगती है।