तहलका न्यूज,बीकानेर। बीकानेर संभाग में चिकित्सा क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हुई। आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर में पहली बार लीडलेस (बिना तार) पेसमेकर का सफल प्रत्यारोपण किया गया। यह जटिल प्रक्रिया वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.बी.एल.स्वामी और उनकी टीम ने महज 20 मिनट में पूरी की। यह प्रत्यारोपण सरकारी योजना में नहीं किया गया है।65 वर्षीय मरीज,जो पारंपरिक पेसमेकर से बार-बार संक्रमण का शिकार हो रहा था,को इस नई तकनीक से राहत मिली। बिना किसी चीर-फाड़ के ,विटामिन की गोली के आकार का यह पेसमेकर जांघ के रास्ते से हार्ट में प्रत्यारोपित किया गया। अत्याधुनिक माइक्रा ए.वी.पेसमेकर की कीमत लगभग 14 लाख रुपये है। इस विशेष मामले में,डॉ.बी.एल.स्वामी ने प्रक्रिया शुल्क पूरी तरह से माफ किया और विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं एवं भुवनेश अरोड़ा जैसे समाजसेवियों के सहयोग से मरीज को काफी हद तक आर्थिक मदद दी गई।मरीज के परिजनों ने डॉ.बी.एल.स्वामी अस्पताल प्रशासन और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया और समाजसेवियों से ऐसे नेक कार्यों में योगदान देने का अनुरोध किया। आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर, बीकानेर की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने गंभीर हृदय रोगियों के लिए नई उम्मीद जगाई है।

क्या है लीडलेस पेसमेकर?
लीडलेस पेसमेकर वायरलेस तकनीक से युक्त अत्याधुनिक उपकरण है, जो पारंपरिक पेसमेकर की तुलना में अधिक सुरक्षित और प्रभावी होता है। यह एंजियोग्राफी तकनीक के जरिए जांघ की नस से सीधे हृदय में प्रत्यारोपित किया जाता है, जिससे कोई चीर-फाड़ की आवश्यकता नहीं पड़ती। मरीज को कम दर्द और तेजी से रिकवरी का लाभ मिलता है।

20 मिनट में सफल प्रत्यारोपण
यह एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया थी,जिसे डॉ.बी.एल.स्वामी और उनकी टीम ने मात्र 20 मिनट में सफलतापूर्वक पूरा किया।

क्या है लीडलेस पेसमेकर की कीमत?
यह अत्याधुनिक तकनीक हाल के वर्षों में अमेरिका में विकसित हुई है। माइक्रा ए.वी. पेसमेकर की कीमत लगभग 14 लाख रुपये है। लेकिन इस विशेष केस में, डॉ.बी.एल.स्वामी ने प्रक्रिया शुल्क माफ किया और समाजसेवी संस्थाओं और एनजीओ के सहयोग से मरीज को काफी हद तक आर्थिक सहायता दी गई।इस सफलता से न केवल मरीज को गंभीर हृदय रोग से राहत मिली, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में भी बीकानेर ने एक नया मुकाम हासिल किया। डॉ.बी.एल.स्वामी ने सभी समाजसेवियों से इस प्रकार की पहल में योगदान देने का आग्रह किया,ताकि जरूरतमंद मरीजों को बेहतर चिकि त्सा सुविधा मिल सके।