

तहलका न्यूज,बीकानेर।जोड़ बीड़ आवासीय योजना के आवंटियों ने शुक्रवार को गंगाशहर में भारतीय परिवहन मजदूर संघ के कार्यक्रम में पहुंचे राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर योजना को तत्काल रेरा के दायरे में शामिल करने की मांग उठाई।आवंटियों का कहना है कि वर्ष 2007 में शुरू हुई यह योजना 17 वर्षों बाद भी अधूरी,उपेक्षित और बुनियादी सुविधाओं से वंचित है,जबकि सभी आवंटियों ने भूमि की पूरी राशि वर्षों पहले जमा कर दी थी।
17 साल से थमा है विकास
ज्ञापन में बताया गया कि जोड़ बीड़ योजना का अब तक रेरा में पंजीकरण न होने से बीडीए पर कानूनी जवाबदेही तय नहीं होती,काम की समय सीमा नहीं होती,प्रगति रिपोर्ट तैयार नहीं होती,बजट और कार्यप्रणाली की निगरानी नहीं हो पाती और परिणामस्वरूप विकास 17 वर्षों से पूरी तरह ठप पड़ा है।आवंटियों का मानना है कि रेरा के दायरे में आने से परियोजना में पारदर्शिता,गति और जवाबदेही तीनों सुनिश्चित होंगी।
अवैध मृत पशु डंपिंग—स्वास्थ्य और सुरक्षा पर बड़ा खतरा
आवंटियों ने ज्ञापन में योजना क्षेत्र के पास बढ़ रही अवैध मृत पशु डंपिंग को अत्यंत गंभीर मुद्दा बताया।उन्होंने कहा कि इससे असहनीय दुर्गंध,
हवा में जीवाणुओं का प्रसार,संक्रमण का खतरा और असुरक्षित माहौल भी बड़ी समस्या है।शिष्टमंडल ने यह भी कहा कि जोड़ बीड़ क्षेत्र नगर निगम सीमा में शामिल नहीं है,इसलिए यहाँ मृत पशु डालना पूर्णत:गैरकानूनी व दंडनीय है।
विभागों ने शिकायतें सुनीं,समाधान नहीं
आवंटियों का आरोप है कि वर्षों से बीडीए,पीएचईडी और अन्य विभागों को बार-बार शिकायतें व ज्ञापन दिए गए,परंतु कोई स्थायी समाधान नहीं दिया गया।आवंटियों ने इसे विभागीय उदासीनता और योजना की लम्बी उपेक्षा का परिणाम बताया।
ज्ञापन में रखी गई प्रमुख मांगे
1. जोड़ बीड़ आवासीय योजना को तत्काल रेरा में पंजीकृत किया जाए।
2. बीडीए को परियोजना से जुड़े सभी दस्तावेज़,लेआउट,वित्तीय विवरण व लंबित कार्य रिपोर्ट रेरा को प्रस्तुत करने के आदेश दिए जाएँ।
3. रेरा द्वारा 17 वर्षों से लंबित विकास कार्यों की विशेष समीक्षा की जाए।
4. मृत पशु डंपिंग को तुरंत रोका जाए और संबंधित जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
5. सड़क, सीवरेज, जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट और सुरक्षा व्यवस्था हेतु 30/60/90 दिन की समयबद्ध कार्ययोजना तैयार की जाए।

